धर्मशाला। बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों पर हमेशा अच्छे नंबर लाने और पास होने का दबाव बना रहता है। अच्छे नंबर नहीं आने या फेल होने पर कई बच्चे गलत कदम तक उठा लेते हैं इस दबाव को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड छात्रों को सुधार का अवसर देने की तैयारी में है। बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए इंप्रूवमेंट पॉलिसी तैयार की है। इसके तहत अब किसी भी छात्रों का परिणाम फेल या कंपार्टमेंट में नहीं होगा।
छात्र अब साल में दो बार मार्च और जुलाई में परीक्षा दे सकेंगे। इस व्यवस्था को मार्च 2026 से लागू करने की तैयारी है। इस नई व्यवस्था के तहत बोर्ड वर्ष में दो बार परीक्षाएं आयोजित करेगा।
मार्च में मुख्य परीक्षा होगी जिसमें यदि कोई छात्र एक या एक से अधिक विषयों में असफल होता है तो उसे जुलाई में दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यह दूसरी परीक्षा छात्रों के लिए सुधार का मौका होगी। मार्च में सफल रहे छात्र भी अपने अंकों में सुधार के लिए जुलाई में परीक्षा में बैठ सकेंगे। यानी अब छात्रों के लिए परीक्षा में प्रदर्शन बेहतर करने के अवसर बढ़ जाएंगे।
इंप्रूवमेंट पॉलिसी के तहत असफल घोषित होने के बावजूद छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो। यदि वे जुलाई में पूरक परीक्षा पास कर लेते हैं तो उनकी पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रहेगी और यदि जुलाई की परीक्षा में भी असफल रहते हैं तो उन्हें पुरानी कक्षा में ही पढ़ाई करनी होगी।
स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि इंप्रूवमेंट पॉलिसी के लिए तैयार प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। सरकार से मंजूरी मिलते ही मार्च 2026 से यह पॉलिसी लागू कर दी जाएगी और उसी के अनुसार परीक्षाएं करवाई जाएंगी।