शिमला। हिमाचल प्रदेश के वीर जवानों की पत्नियां जिनके पति भारत मां की रक्षा करते हुए शहीद हो जाते हैं अब विधवा नहीं बल्कि वीर वधू कहलाएंगी। वीर जवानों की पत्नियां के लिए एक सम्मानजनक पदवी है।
हिमाचल सरकार राजस्व रिकॉर्ड में बलिदानियों की पत्नियों के नाम के साथ विधवा शब्द हटाने की तैयारी कर रही है। बलिदानियों की पत्नियों के नाम से पहले राजस्व रिकॉर्ड में अब वीर वधू लिखा जाएगा।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान दे चुके जवानों की पत्नियों को राजस्व रिकॉर्ड में विधवा लिखने के बजाय वीर वधू लिखे जाने पर विचार चल रहा है। शहीदों के परिवार के सम्मान के लिए ऐसा विचार किया जा रहा है।
देश की सेवा करते वक्त बलिदान हुए सेना के जवानों के नाम से पहले भी बलिदानी या शहीद लिखा जा सकता है। हिमाचल बलिदानियों की धरती है और यहां से सैकड़ों जवान देश की रक्षा करते शहीद हो चुके हैं। मुख्यमंत्री व राजस्व अधिकारी ऐसे मौके पर उनके परिवार से मिलने जाते हैं। सरकार की ओर से परिवारजनों को राहत राशि भी दी जाती है।
प्रदेश के लोग कई बार बलिदानी की पत्नी को विधवा कहने पर ऐतराज जता चुके हैं जिसके बाद अब सरकार इसमें परिवर्तन करने की तैयारी कर रही है। हिमाचल के हजारों जवान सेना में सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि, हिमाचल सरकार ने देश की रक्षा करते बलिदान होने वाले प्रदेश के जवानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने का फैसला लिया है।