ऋषि महाजन/नूरपुर। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राज्य मार्ग 154 पर चल रहा फोरलेन कार्य लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। रविवार को हुई भारी बारिश ने निर्माण कार्य में हो रही लापरवाहियों की पोल खोल दी। कंडवाल से लेकर जाच्छ तक का मुख्य मार्ग नालों में तब्दील हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सबसे गंभीर स्थिति छतरौली के समीप बनी। यहां निर्माणाधीन फ्लाईओवर के खड्ड से निकाले गए वैकल्पिक रास्ते में भारी पानी भर गया। नतीजा यह हुआ कि कई घंटे तक यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। जसूर में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और बाजार क्षेत्र में जबरदस्त जाम देखने को मिला।
केवल यातायात ही नहीं, फोरलेन निर्माण ने आसपास के लोगों के घरों और दुकानों को भी परेशानी में डाल दिया। नगाबाड़ी क्षेत्र में बारिश का पानी सीधे लोगों के घरों में घुस गया। जसूर बाजार की दुकानों में भी पानी घुसने से लाखों का नुकसान हुआ। स्थानीय लोग इस आपदा के लिए सीधे फोरलेन निर्माण में बरती जा रही लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
हालांकि मौके पर फोरलेन प्रोजेक्ट की मशीनों को लगाया गया और पानी निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन तब तक लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस बाबत जब एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि नगाबाड़ी क्षेत्र में कुछ घरों में पानी घुसा है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं मौके का निरीक्षण करने जा रहे हैं।
एसडीएम ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग पर ओवरफ्लो की स्थिति बनने से यातायात को अस्थायी तौर पर रोका गया, ताकि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि न हो। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर रखी गई हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि फोरलेन कार्य में बरती जा रही ढिलाई और अव्यवस्थित प्रबंधन के कारण बारिश उनके लिए आपदा बनकर आई है। लोगों ने प्रशासन और फोरलेन निर्माण एजेंसी से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या फोरलेन परियोजना के चलते लोगों की सुरक्षा और सुविधाओं को दरकिनार किया जा रहा है?