कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में सोमवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात 9 बजकर 28 मिनट 32 सेकंड पर धरती हिली।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 आंकी गई है। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी। कई लोगों ने ये भूकंप के झटके महसूस किए तो घरों से बाहर निकल आए।
गौर हो कि कांगड़ा जिला भूकंप के मद्देनजर हिमाचल का सबसे संवेदनशील इलाका है। जिला में अकसर भूकंप के झटके लगते रहते हैं। भूकंप के मद्देनजर पूरे देश को 5 जोन में बांटा गया है और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के चलते जोन 5 में आता है, जहां आए भूकंप बड़ी तबाही का कारण बन सकते हैं।
वैज्ञानिकों की स्टडी से पता चलता है कि धरती के नीचे जो 7 टेक्टॉनिक प्लेट्स हैं, वे जब आपस में टकराती हैं, तो निकलने वाली तरंगों का कंपन धरती को हिला देता है, जिसे भूकंप कहते हैं। जहां प्लेट्स टकराती हैं, उसके ऊपर बसे इलाकों में भूकंप तबाही मचा देते हैं।
याद रहे कि 4 अप्रैल 1905 को भारत के इतिहास में एक भयानक प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी थी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी और कांगड़ा जिले में आए इस भीषण भूकंप ने सब कुछ तबाह कर दिया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई, जिसने 20,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप (Earthquake) आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें।
अगर आप भूकंप (Earthquake) के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।