चंबा। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही में कई लोगों ने जान गंवाई और कई लोग फंसे हुए हैं।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, 24 से 27 अगस्त तक 7 मणिमहेश यात्रियों की मौत हो गई है। ये संख्या बढ़ भी सकती है। हड़सर से ऊपर भूस्खलन के कारण जानें गई हैं। आठ श्रद्धालु घायल हो गए हैं, जबकि नौ अभी भी लापता हैं।
मणिमहेश यात्रा पर गए करीब 8,000 श्रद्धालु अभी भी रास्ते में फंसे हैं। प्रशासन ने 3,457 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। भरमौर से आगे का संपर्क पूरी तरह कट गया है। रास्ते में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
कुछ लोग पैदल ही 70-80 किलोमीटर का पैदल सफर कर मुसीबतों का सामना करते हुए चंबा मुख्यालय पहुंचे हैं। जिला प्रशासन ने कुछ श्रद्धालुओं को लक्ष्मी नारायण मंदिर व स्कूलों में ठहराया है। श्रद्धालु आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन की ओर से उनकी सुध नहीं ली जा रही है। भरमौर व हड़सर में फंसे मणिमहेश यात्री किसी तरह से अब तक खुद को बचाए हुए हैं।
बनीखेत पहुंचे रूपनगर के श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन पर मदद न करने का आरोप लगाया। कहा कि स्थानीय लोगों व टैक्सी चालकों ने उनकी मदद की। बार एसोसिएशन चंबा ने वीरवार को उपायुक्त के समक्ष बिजली, पानी व इंटरनेट सुविधाएं ठप पड़ने का मुद्दा रखा। वकीलों ने आरोप लगाया कि उपायुक्त ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद वकीलों ने चंबा शहर में चक्का जाम कर दिया। उपायुक्त पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की।
उधर मेडिकल कालेज चंबा में बुधवार को पानी न आने के कारण मरीजों के लिए दोपहर व शाम का खाना नहीं बना। देर शाम कुछ संस्थाएं अस्पताल पहुंचीं। इसके बाद रात 10 बजे मरीजों के लिए थोड़े से चावल बनाए गए।
वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा जिले में हुई जन हानि पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने चंबा जिला प्रशासन को सड़क संपर्क को प्राथमिकता पर बहाल करने के निर्देश दिए।