शिमला। हिमाचल में अब डीएफओ 25 सूखे पेड़ों को काटने की अनुमति दे सकेंगे। वहीं, संबंधित बीट में जितने भी गिरे पेड़ होंगे, उन्हें उठाने का अधिकार डीएफओ को दे दिया गया है। फॉरेस्ट गार्ड अनुमोदन करेगा और डीएफओ मंजूरी देगा। वहीं, डिप्टी रेंजर भी एक लिमिट तक मंजूरी दे सकेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में इसको लेकर एक योजना का शुभारंभ 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर किया।
राज्यस्तरीय वन महोत्सव में संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना को लेकर जल्द एसओपी जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डीएफओ के पास लीनर प्रोजेक्ट के लिए अधिकार दे दिए हैं कि वो पच्चीस पेड़ से ज्यादा जो भी होगा एफसी में कटवा सकता है और 25 पेड़ काटने की परमिशन भी हम उनको देने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 60 फीसदी फलदार पौधे लगाने का निर्णय लिया है। पहले केवल 30 फीसदी ही फलदार पौधे लगाए जाते थे। इस कार्य को एक से दो साल लगेंगे। एक दो साल में फलदार पौधे जंगलों में होंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने अगले पौधरोपण के दौरान लाहौल स्पीति की तर्ज पर हिमाचल में महिला मंडलों को फलदार पौधों की देखभाल व संरक्षण के लिए फॉरेस्ट बीट के चौथे हिस्से को सौंपने का निर्णय लिया है।
पौधे वन विभाग मुहैया करवाएगा। देखभाल का जिम्मा लाहौल स्पीति में जारी योजना की तर्ज पर दिया जाएगा। इससे महिला मंडलों की आय बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि वन विभाग में कंस्ट्रक्शन डिवीजन को बंद किया जा रहा है। इसमें काम कर रहे कर्मचारियों से अन्य कंस्ट्रक्शन आधारित विभागों में समायोजित होने के लिए ऑप्शन मांगें गए हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला ओक ओवर में बान का पौधा लगाकर 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस बार वन विभाग ने प्रदेश में 9 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
राज्यस्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों एवं 41 वन मंडलों में स्थानीय विधायकों और वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने वर्चुअली माध्यम से वन महोत्सव में हिस्सा लिया और पौधरोपण अभियान से जुड़े।