मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में पशुपालन विभाग में झूठे प्रमाण पत्र पेश कर नौकरी हथियाने का मामला सामने आया है। मामले में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (विजिलेंस) ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
फर्जी प्रमाण पत्र देकर नौकरी हासिल करने वाले फार्मासिस्ट के साथ-साथ पूर्व निदेशक पशुपालन विभाग, पटवारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पूर्व निदेशक और पटवारी पर आरोपी को गलत दस्तावेजों के सहारे लाभ पहुंचाने का आरोप है। तत्कालीन निदेशक के खिलाफ विभागीय सचिव से अनुमति लेने के बाद कार्रवाई अमल में लाई गई है।
जानकारी के अनुसार विजिलेंस के पास झूठे दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लेने की शिकायत पहुंची थी।
शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने इस संबंध में प्रारंभिक जांच शुरू की तो आरोप सही पाए गए। इस पर विजिलेंस ने सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी करते हुए नियमों के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई।
दरअसल, सरकाघाट क्षेत्र अनूप कुमार पर आरोप है कि उसने झूठे प्रमाण पत्र और तथ्य छिपाकर 2017 में पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी हासिल की थी।
आरोप है कि पटवारी और पशुपालन विभाग के तत्कालीन निदेशक ने भी वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन के गलत प्रमाण पत्र के तहत अनुचित लाभ पहुंचाया, जबकि उसके पिता सरकारी नौकरी ले चुके हैं।
इसी को लेकर आरोपी अनूप कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120बी और पशुपालन विभाग के तत्कालीन निदेशक और पटवारी के खिलाफ विजिलेंस पुलिस थाना मंडी में केस दर्ज किया गया है।
राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मध्य जोन के पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा ने बताया कि मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
फ्रॉड का यह मामला एक जुलाई से पहले का है। ऐसे में इस मामले में पुराने कानून के अनुसार ही कार्रवाई अमल पर लाई जा रही है।