शिमला। "आओ झुक कर सलाम करें उन्हे जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है, खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है।" कुछ ऐसा ही खुशनसीब था हिमाचल का बेटा राइफल मैन कुलभूषण मांटा जो मां भारती की हिफाजत करते हुए शहीद हो गया।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के कुपवी उपमंडल के अंतर्गत गांव गौठ से संबंध रखने वाले शहीद राइफल मैन कुलभूषण मांटा को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार शाम दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान शहीद की धर्मपत्नी व माता को शौर्य चक्र प्रदान किया। जैसे ही अवार्ड के लिए शहीद का नाम लिया गया, मां की आंखें आंसुओं से भर गईं। तब राष्ट्रपति ने भी शहीद की मां को ढांढस बंधाया।
वहीं, शहीद की पत्नी निशब्द खड़ी रही। कुलभूषण अपने पीछे पत्नी नीतू, बेटा, पिता प्रताप, माता दुर्मा देवी, तीन बहन रेखा, किरण और रजनी को छोड़ गए हैं। उनकी शहादत के वक्त उनका बेटा मात्र ढाई माह का था।
चौपाल के कुलभूषण मांटा अक्टूबर 2022 में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में संयुक्त ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए थे। कुलभूषण के नेतृत्व में तलाशी दल आतंकवादियों के नजदीक पहुंच गया।
इस दौरान कुलभूषण ने एक आतंकवादी को जिंदा पकड़वाया और तब दूसरे आतंकवादी ने उन पर गोली दाग दी। कुलभूषण को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके इस साहस को देखते हुए उनहे मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए राइफलमैन कुलभूषण मांटा जी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाना पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। हम मांटा जी की शहादत को शत् शत् नमन करते हैं।"
वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लिखा, 'वीरभूमि हिमाचल के शिमला जिला के गौंठ, कुपवी से संबंध रखने वाले अमर शहीद कुलभूषण मांटा जी को शहीदोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
यह पल हम सबके लिए भावुक और गौरवान्वित करने वाले हैं। बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते वक्त वीरता का परिचय देने वाले शहीद कुलभूषण मांटा की शहादत को शत शत नमन। देश वीर कुलभूषण के बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।'