करसोग। मंडी जिला के करसोग से श्री चामुंडा जी माता मंदिर के लिए एचआरटीसी की बस फिर से दौड़ेगी। इसके अलावा क्षेत्र में बंद पड़े अन्य रूट भी बहाल होंगे। एचआरटीसी में हाल ही में कंडक्टरों के लगभग 400 पदों पर नई भर्ती हुई है।
इसमें से करसोग बस डिपो को 16 कंडक्टर मिले हैं। इनमें 15 पुरुष और एक महिला कंडक्टर शामिल है। इनके आने से वर्तमान में परिचालकों की कमी के कारण करसोग क्षेत्र, इसके साथ लगते सुंदरनगर क्षेत्र व सराज क्षेत्र के बंद चल रहे बस रुटों पर फिर से एचआरटीसी की बसें दौड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लाभान्वित होंगे।
कंडक्टर्स के लिए निर्धारित आवश्यक 15 दिन का प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत बंद चल रहे सभी रूटों को क्रमवार शुरू करने की एचआरटीसी की योजना है, जिससे की तीन विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बस सुविधा प्राप्त होगी।
परिचालकों की कमी के कारण एचआरटीसी के करसोग डिपो में लंबे समय से बंद चल रही करसोग- श्री चामुंडा जी बस सेवा, करसोग-मंडी बस सेवा के फिर से बहाल होने से लोगों को इन स्थानों के लिए आवगमन की सुविधा प्राप्त होगी।
इसके अतिरिक्त वर्तमान में करसोग क्षेत्र की करसोग जरल बस सेवा, पांगना फेगल लोकल बस सेवा, करसोग जंजैहली बस सेवा, छतरी मुद्रिका बस सेवा, करसोग से गाड़ागुशैणी बस सेवा सहित अन्य स्थानों के लिए फिर से बस सेवा शुरू करने की तैयारी है।
कंडक्टरों की नियुक्ति के उपरांत सभी रूटों पर बस सेवाओं के बहाल होने से जरल, पंडार, जाच्छ, सोरता, पांगणा, सरही, फेगल, छतरी, मिहाच, गाड़ागुशैणी, मगरू, जंजैहली इत्यादि क्षेत्रों के हजारों लोगों को आवागमन ही सुविधा मिलने से लाभान्वित होंगे।
एचआरटीसी करसोग के आरएम हुमेश कुमार का कहना है कि सभी 16 कंडक्टरों को 29 जुलाई, 2024 को क्षेत्रीय कार्यालय करसोग में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद सभी परिचालकों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे व उनकी ज्वाइनिंग ली जाएगी।
ज्वाइनिंग के उपरांत परिचालकों को 15 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद परिचालकों को बसों के साथ रूट पर तैनात किया जाएगा।