धर्मशाला पहुंची क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी : बैंड बाजे के साथ हुआ स्वागत, शहीद स्मारक में फोटोशूट
ewn24news choice of himachal 27 Sep,2023 2:33 pm
धर्मशाला। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में अक्तूबर में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी धर्मशाला पहुंच गई है। ट्रॉफी सुबह 8:30 बजे कांगड़ा हवाई अड्डे पर पहुंची।
हवाई अड्डे पर बैंड बाजे के साथ विश्व कप की ट्रॉफी का स्वागत किया गया। इसके बाद खुले वाहन में ट्रॉफी को क्लियर चौक तक लाया गया वहां पर फोटोशूट के बाद वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को शहीद स्मारक में लाया गया।
सुबह सवा दस बजे ट्रॉफी को शहीदों की याद में बनाए गए स्मारक में कुछ देर रखकर फोटोशूट किया गया। 11 बजे ट्रॉफी को कोतवाली बाजार ले जाया गया। वहां पर ट्रॉफी को कुछ देर रखने के बाद ओपन जीप में मैक्लोडगंज के मुख्य चौक ले जाया जाएगा।
करीब 12 बजे ट्रॉफी दलाईलामा मंदिर गई। साढ़े 12 बजे के करीब ट्रॉफी को रोपवे से वापस कोतवाली लाया गया। यहां से ट्रॉफी कुणाल होटल के परिसर में कुछ देर रहने के बाद डेढ़ बजे टी गार्डन ले जाई गई।
तीन बजे ट्रॉफी क्रिकेट मैदान में रखी जाएगी। इस दौरान पैराशूट से ट्रॉफी पर पुष्प वर्षा की जाएगी। शाम 5 बजे स्वागत में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल मुख्य अतिथि होंगे। ट्रॉफी के स्वागत में लेजर शो के साथ भव्य आतिशबाजी की जाएगी।
गौर हो कि 7 से 28 अक्टूबर तक वर्ल्ड कप 2023 के पांच मैच धर्मशाला में खेले जाने हैं। यह पहली बार है कि वर्ल्ड कप के मैच धर्मशाला में खेले जाएंगे।
ट्रॉफी की बात करें तो आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी 1999 चैंपियनशिप के लिए बनाई गई थी और यह टूर्नामेंट के इतिहास में पहला स्थायी पुरस्कार था। इससे पहले, प्रत्येक विश्व कप के लिए अलग-अलग ट्रॉफियां बनाई जाती थीं।
ट्रॉफी को गेरार्ड एंड कंपनी के पॉल मार्सडेन द्वारा डिजाइन किया गया था और दो महीने की अवधि में गेरार्ड एंड कंपनी के कारीगरों की एक टीम द्वारा लंदन में निर्मित किया गया था। ट्रॉफी का निर्माण अब एशफोर्ड में ओट्टे विल सिल्वरस्मिथ द्वारा किया जाता है।
वर्तमान ट्रॉफी चांदी और सोने से बनी है और इसमें तीन चांदी के स्तंभों द्वारा रखा गया एक सुनहरा ग्लोब है। स्टंप और बेल्स के आकार के स्तंभ क्रिकेट के 3 मूलभूत पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनमें बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण है, जबकि ग्लोब एक क्रिकेट गेंद की विशेषता है । इसकी ऊंचाई 60 सेमी है और इसका वजन लगभग 11.0567 किलोग्राम है।
ट्रॉफी के आधार पर पिछले विजेताओं के नाम उकेरे गए हैं, जिसमें कुल 20 शिलालेखों के लिए जगह है। मूल ट्रॉफी आईसीसी के पास रहती है । एक प्रतिकृति जो केवल शिलालेखों में भिन्न होती है, विजेता टीम को स्थायी रूप से प्रदान की जाती है।
इसे प्लेटोनिक आयामों के साथ डिज़ाइन किया गया है ताकि इसे किसी भी एंगल से आसानी से पहचाना जा सके। इसके आधार पर पिछले विजेताओं के नाम अंकित हैं। अभी भी अन्य 10 टीमों के नाम लिखने की गुंजाइश है।