शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में भी प्रकार के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। शिमला शहर में पेयजल की किल्लत के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है। जल स्त्रोतों का स्तर बढ़ने तक यह आदेश जारी रहेंगे।
इस मामले को लेकर मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला जल प्रबंधन निगम (एसजेपीएन) और नगर निगम शिमला के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि शिमला शहर में पानी किल्लत है। शहर को रोज 48 से 50 एमएलडी पानी की जरूरत होती है। अभी 35 से 35 एमएलडी पानी की सप्लाई हो पा रही है।
इसका कारण है कि गुम्मा, गिरि आदि जितने भी पेयजल स्त्रोंत हैं वो सूखना शुरू हो गए हैं। शिमला शहर में टैंकर से भी सप्लाई हो रही है। अगले सप्ताह तक मानसून आने की अनुमान है। ऐसे में समस्या दूर हो जाएगी।
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 50 से 60 एमएलडी की योजना पर काम चल रहा है। इसमें सुन्नी क्षेत्र से पानी लाया जाएगा। इस साल के अंत तक या अगले साल तक योजना का काम पूरा हो जाएगा। इस योजना के शुरू होने से शहर से पेयजल की समस्या नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पेयजल समस्या को देखते हुए फैसला लिया है कि शिमला शहर के अंदर बिल्डिंग आदि सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर आगामी आदेशों तक रोक रहेगी। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है और पेयजल की बचत करने का निवेदन किया है।
विक्रमादित्य सिंह ने साफ किया कि होटल को उसी तर्ज पर पानी दिया जा रहा, जैसे घरों को सप्लाई दी जा रही है। किसी भी होटल को अतिरिक्त पानी सप्लाई नहीं किया जा रहा है।