दशहरा पर्व पर इस बार बन रहे दो शुभ योग, इस समय करेंगे शुभ काम तो होगी बरकत
ewn24news choice of himachal 24 Oct,2023 12:18 am
कब किया जाएगा रावण दहन, जानिए मुहूर्त
मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र पर्व के समापन के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में विजयादशमी यानी दशहरा पर्व मनाया जाता है। इस साल विजयादशमी पर्व मंगलवार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। विजयादशमी पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
इस साल दशहरा पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5:44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3:14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
हर साल दशहरा का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर युद्ध में जीत हासिल की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
दशहरा पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए भी शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि को ये उत्सव मनाया जाता है। कई जगह पर इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है।
देशभर में अलग-अलग जगह रावण दहन होता है और हर जगह की परंपराएं बिल्कुल अलग हैं। इस दिन शस्त्रों की पूजा भी की जाती है। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है। इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदना शुभ होता है।
बन रहे ये दो शुभ योग
इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन रवि योग सुबह 06:27 मिनट से दोपहर 03:38 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम 6:38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06:28 मिनट तक यह योग रहेगा। वहीं, दशहरा पर वृद्धि योग दोपहर 03:40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा।
पंचांग के मुताबिक, दशहरे के दिन 24 अक्टूबर को रवि योग सुबह 6:27 मिनट से दोपहर 3:38 मिनट तक और शाम को 6:38 बजे से 25 अक्टूबर को सुबह 6:28 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष के मुताबिक, रवि योग को काफी शुभ माना जाता है और इस समय में किसी भी शुभ कार्य करने से शुरुआत करने से सफलता मिलती है।
दशहरे पर रवि योग के साथ-साथ वृद्धि योग भी निर्मित हो रहा है। वृद्धि योग की शुरुआत 24 अक्टूबर को दोपहर 3:40 बजे से होगी और यह योग 24 अक्टूबर की पूरी रात तक बना रहेगा। इस दौरान दशहरे की पूजा करने से इच्छा पूरी होगी।
शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में करें
दशहरा के दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजा करने का भी विधान है। दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है। ऐसे में दशहरे के दिन यानी 24 अक्टूबर को शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 01:58 मिनट से दोपहर 02:43 मिनट तक रहेगा।
रावण दहन मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि दशहरा के दिन लंकापति रावण और उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है। पुतलों का दहन सही समय में किया जाए, तो ही शुभ माना जाता है। विजयदशमी के दिन यानी 24 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 05:43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक होगा।
दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर साफ कपड़े पहने और गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं।
गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें।
अब प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें।
यदि बहीखातों या शस्त्रों की पूजा कर रहे हैं तो उन पर भी ये सामग्री जरूर अर्पित करें।
इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा करें और गरीबों को भोजन कराएं।
रावण दहन के बाद शमी वृक्ष की पत्ती अपने परिजनों को दें।
अंत में अपने बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
नीलकंठ पक्षी के दर्शन से बनेंगे बिगड़े काम
दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है।इस दिन माना जाता है कि अगर आपको नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए तो आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है।
दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन होने से पैसों और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। मान्यता है कि यदि दशहरे के दिन किसी भी समय नीलकंठ दिख जाए तो इससे घर में खुशहाली आती है और वहीं, जो काम करने जा रहे हैं, उसमें सफलता मिलती है।