तरनदीप सिंह/मंडी। किरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण में घोटाले की आशंका जताई है।
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के अध्यक्ष और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल, जन समाधान केंद्र के सदस्य राज कमल और भूपेंद्र गुलेरिया ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए , क्योंकि इस में करोड़ों का नहीं, अरबों का घोटाला हुआ है।
आज सड़क का निरीक्षण करते समय पाया कि सड़क बनाते समय न तो निर्धारित मापदंडों का ख्याल रखा गया है और न ही निर्माण सामग्री ठीक मात्रा में लगाई गई है।
सुंदरनगर बाईपास का उद्घाटन होने से पहले ही पहली बरसात में सड़क का तारकोल और बजरी उखड़ गई, दीवारें बैठ गई और पुल धंस गए। निर्माण एजेंसी की लापरवाही से इस सड़क पर सैकड़ों वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए और दर्जनों लोगों की जान गई।
केंद्र सरकार के अधीन काम के चलते कंपनी के अधिकारी राज्य सरकार की परवाह नहीं करते हैं। इसलिए राज्य सरकार भी आंख मूंद कर तमाशा देख रही है।
पुंघ से नौलखा सुंदरनगर बाईपास पूर्ण रूप से धंस चुका है। इसकी दीवारें फट चुकी हैं। निर्माण कार्य घटिया होने के कारण अब मरम्मत कार्य भी नहीं टिक पा रहा है। बिलासपुर जिले में गोविंद सागर के ऊपर बना पुल बीच से फट चुका है।
उसकी आजकल मरम्मत कार्य चल रहा है। इसी प्रकार पुंघ के पास भी पुल के धंसने की सूचना है। स्वारघाट क्षेत्र में एक टनल बैठ गई है। मंडी से मनाली तक तो सड़क निर्माण ने आधुनिक भारत की पोल खोल दी है।
केंद्र सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करती है, लेकिन प्रदेश में तो भ्रष्टाचार ने सभी सीमाएं लांघ दी है। इसलिए हिमाचल प्रदेश भूमि अधिग्रहण मंच केंद्रीय और जन समाधान मंच सरकार से मांग करता है कि किरतपुर से मनाली फोरलेन सड़क के निमार्ण कार्य की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपी जाए, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके।