हरिपुर। कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र के तहत हरिपुर तहसील के बंगोली गांव में अजय पठानिया के घर पर मातम पसरा हुआ है। परिवार पर दुखों का पहाड़ तो उसी दिन टूट पड़ा था जब उनको खबर मिली कि उनके जवान बेटे की कनाडा में मृत्यु हो गई है।
रविवार को करीब 15 दिन बाद बेटे का शव घर पहुंचा तो मां-बाप की बची हुई हिम्मत भी टूट गई। ऋषभ पठानिया का आज अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है।
ऋषभ का शव पोस्टमार्टम व अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद विमान द्वारा शनिवार रात दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा था। इसके बाद सड़क मार्ग से शव को घर पहुंचाया गया। आज हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बता दें कि बंगोली निवासी ऋषभ पठानिया (28) पुत्र अजय पठानिया शिक्षा ग्रहण के उद्देश्यों से कनाडा गया था। वह पिछले करीब तीन-चार साल से कनाडा में रह रहा था। हाल ही में ऋषभ घर भी आया था और 31 अगस्त को उसकी वापसी थी।
एक अगस्त वीरवार को ऋषभ पठानिया की मैसेज के जरिए घर बात हुई। शुक्रवार को न तो फोन आया और न ही मैसेज आया। ऋषभ के पिता अजय पठानिया ने उसे फोन किया तो ऋषभ से बात नहीं हो पाई।
शनिवार को अजय पठानिया ने कनाडा में ऋषभ के किसी दोस्त से संपर्क किया। इसके बाद किसी हादसे की आशंका के चलते पुलिस में शिकायत भी की गई। साथ ही दोस्त पुलिस टीम के साथ ऋषभ पठानिया के रूम पहुंचा। कमरा खोला गया तो अंदर ऋषभ मृत पड़ा था।
यह खबर सुनकर अजय पठानिया, उनकी पत्नी और छोटे बेटे पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ऋषभ पठानिया के पिता अजय पठानिया पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं।
अजय पठानिया का एक और छोटा बेटा है। ऋषभ पठानिया बड़ा था। अजय पठानिया ने पाई पाई जोड़कर बेटों को पढ़ाया, ऋषभ पठानिया को उज्जवल भविष्य के लिए कनाडा भेजा था लेकिन उन्हे का पता था कि उनके बेटे के साथ क्या हो जाएगा।