रेखा चंदेल/झंडूता। बिलासपुर लेखक संघ की बैठक एवं गोष्ठी घुमारवीं में आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता डॉ. रविंद्र ठाकुर ने की। संघ के महासचिव रविंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि बैठक का आयोजन संघ की सदस्य वीना वर्धन की बेटी की शादी को ध्यान में रखते हुए ही घुमारवीं में किया गया था। बैठक के प्रथम सत्र में साहित्यिक चर्चा के साथ-साथ समाज में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर भी चर्चा हुई और चिंता व्यक्त की गई।
द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. अनेक राम संख्यान ने की। दोनों सत्रों में मंच संचालन रविंद्र कुमार शर्मा ने किया। रचना चंदेल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर देव भूमि हिमकला मंच के संस्थापक देवेंद्र कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। बिलासपुर लेखक संघ लोक संस्कृति व लोक साहित्य के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है।
काव्य गोष्ठी का आगाज प्रीति मधु शर्मा की रचना 'मुझे अच्छा लगता है खुद में रहना खुद से बातें करना, ना किसी के शोर शराबे का झंझट, न किसी की दया की शंका , मुझे अच्छा लगता है, बस खुद में रहना'।
हेमराज शर्मा ने 'बादल आए बादल आए, कितना सारा पानी लाये' रचना प्रस्तुत की। रचना चंदेल ने 'चाहे वस्त्र पहनने की हो या फिर बोलने की मर्यादा बहुत जरूरी है और बृजलाल लखनपाल ने 'अज अप्पू फिक्स ऑनलाइन जिंदगी मोबाइल' प्रस्तुत की।
डॉक्टर अनेक राम सांख्यान ने 'छोड़ दे यार नशा तू चिट्टे का, नहीं बहुत पछताएगा और निर्मला ठाकुर ने "लकीर बदले तकदीर, लकीर लिखे तकदीर, लकीर बनती अमीर लकीर बना दे फकीर' की प्रस्तुति दी।
डॉ. रविंद्र कुमार ठाकुर ने 'समाज की नब्ज टटोलकर जुबान से कुछ ना बोलकर, तुमने है सबको नई राह दिखाई, ये मेरे कलम के वीर सिपाही' प्रस्तुत की। रविंद्र कुमार शर्मा ने नशे पर करारी चोट करते हुए अपनी रचना कुछ यूं प्रस्तुत की कि "जवानी को कर रहा खोखला, स्कूल कॉलेज सब जकड़े इसने, गांव अछूते नहीं रहे अब, गली मोहल्ले भी पकड़े इसने। काव्य गोष्ठी के पश्चात सभी साहित्यकारों ने संघ की सदस्य वीना वर्धन की बेटी की शादी के अवसर पर उसे शुभकामनाएं दीं।