शिमला। उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में हिमस्खलन की चपेट में आने से 8 मजदूरों की मौत की पुष्टि हुई है। इसमें दो मजदूर हिमाचल के हैं। इसमें हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के कुठार खुर्द के युवक हरमेश (31) पुत्र ज्ञान चंद की जान गई है। वहीं, मोहिंदर पाल (42) पुत्र दिवंगत देस राज निवासी छोह (खुआड़ा) नूरपुर ने भी दम तोड़ा है।
कुठार खुर्द का हरमेश माणा में मशीन ऑपरेटर था। उसे नौकरी करते 8 से 10 महीने ही हुए थे। हरमेश के परिजनों को मौत की खबर रविवार दोपहर बाद मिली। हरमेश के पिता ज्ञान चंद दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। हरमेश घर का इकलौता बेटा था। उसकी एक बड़ी और एक छोटी बहन है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। छोटी की दो माह बाद होने वाली है।
छोटी बहन की शादी के सिलसिले में हरमेश करीब 15 दिन पहले घर आया था। अब उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। हरमेश की माता और पिता व बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
नूरपुर के मोहिंदर पाल का शव बरामद कर लिया गया है। एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि मोहिंदर पाल के शव को उत्तराखंड से नूरपुर लाया जा रहा है।
मोहिंदर के छोटे भाई राम गोपाल ने बताया कि वह पिछले 10 महीने से माणा में एक निजी कंपनी में बतौर मोटर मैकेनिक काम कर रहा था और पिछले वर्ष दिवाली पर घर आया था। अप्रैल में वह दोबारा छुट्टी लेकर घर आने वाला था। मोहिंदर का बेटा और बेटी हैं जिनके सिर से बाप का साया उठ चुका है।
बता दें कि 28 फरवरी शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सीमांत गांव माणा के पास ऊंचाई वाले क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ जिसके चलते बर्फ में 54 मजदूर दब गए थे। माणा और बद्रीनाथ के बीच में स्थित बीआरओ के मजदूरों के कैंप पर हिमस्खलन हुआ था।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन (BRO), भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया था। इसमें 8 मजदूरों की मौत हुई है वहीं करीब 46 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया।