शिमला। जिला शिमला के मंदिरों में शारदीय नवरात्र के दौरान विशेष व्यवस्था प्रबंध रहेगा। डीसी एवं आयुक्त मंदिर शिमला अनुपम कश्यप ने जिला के बड़े मंदिरों में व्यवस्था प्रबंधन को लेकर निर्देश जारी किये है। उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं और इस दौरान 2 अक्टूबर 2025 तक दशहरे तक विशेष व्यवस्था रहेगा।
उपायुक्त ने कहा कि नवरात्र और दशहरा के दौरान जिला के मंदिरों में श्रद्धालुओं, पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने की दृष्टि से विशेष व्यवस्था रहेगी। उन्होंने आम जनता के साथ श्रद्धालुओं से अपील की है कि मंदिर प्रबंधन की ओर से तय व्यवस्था और नियमों का पालन करने का सहयोग करें। नवरात्र के दौरान मंदिरों में भारी तादाद में श्रद्धालुओं का आना होता है।
जिला के तारा देवी मंदिर, जाखू मंदिर, संकट मोचन मंदिर, हाटकोटी माता मंदिर और माँ भीमाकाली मंदिर में यह व्यवस्था लागु होगी जिसमें कानून व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, आपातकालीन व्यवस्थाएं, यातायात भीड़ नियंत्रण, सामान्य प्रंबधन और निगरानी पर केंद्रित व्यवस्थाएं तैयार की गई है। इस सम्बन्ध में शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण, जुब्बल और रामपुर के उपमंडल दण्डाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए है। इन आदेशों का पालन न होने पर सख्त कारवाई अमल में लाई जाएगी।
आदेशानुसार सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के तहत मंदिर परिसर में एवं संभावित भीड़भाड़ वाले स्थानों पर प्रयाप्त पुलिस बल की तैनाती की जाये। पुलिस बल द्वारा यातायात व्यवस्था कानून एंव व्यवस्था को सख्ती से बनाए रखना, संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करके निगरानी की जाएगी। भगदड़ से बचने के लिए प्रवेश एवं निकासी के लिए वैकल्पिक रास्तों का निर्माण किये जाये। क्यूआरटी एवं मेडिकल एड पोस्ट की तैनाती भी सुनिश्चित की जाये।
सफाई व्यवस्था के तहत मंदिर परिसर एवं साथ लगते क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बनाए रखना तथा अस्थाई शौचालय, पेयजल व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण, डस्टबिन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। स्थानीय निकायों की ओर से 24 घंटे सफाई कर्मियों की विशेष नियुक्ति हो। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य एवं आपातकालीन व्यवस्था, फर्स्ट ऐड कैंप की व्यवस्था, मंदिर परिसर के पास एंबुलेंस सेवाएं, अग्निशमन विभाग की ओर फायर टेंडर एवं स्थानीय रणनीति के हिसाब से व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसी प्रकार, यातायात एवं भीड़ प्रबंधन के लिए उचित यातायात डायवर्जन योजना लागू की जाए। पर्याप्त पार्किंग स्थल की पहचान की जाए और पहले से ही जनता के बीच उसका प्रचार किया जाए। आगंतुकों को मार्ग, पार्किंग और सुरक्षा उपायों के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली स्थापित की जाए।
सामान्य व्यवस्था में मंदिर परिसर और पहुँच मार्गों पर रोशनी सुनिश्चित की जाए। निर्बाध सेवाओं के लिए विद्युत एवं जल आपूर्ति विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। भीड़ में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाए। जाखू मंदिर में एस्केलेटर सुविधा एकतरफा संचालित होनी चाहिए और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इसका उचित संचालन सुनिश्चित किया जाए।
सम्बंधित उपमंडल दण्डाधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में व्यवस्थाओं की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे और नवरात्र के दौरान दैनिक स्थिति की रिपोर्ट उपायुक्त को प्रस्तुत करेंगे। इन उपमंडल दण्डाधिकारियों को संबंधित विभागों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है ताकि नवरात्र सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित तरीके से आयोजित की जा सकें। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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