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हमीरपुर : घी, तेल और चीनी से परहेज तो ये बर्फी, लड्डू व पेड़े करें ट्राई

ewn24 news choice of himachal 02 Mar,2025 9:17 pm

     

    कैंडी का भी उठाएं लुत्फ


    हमीरपुर। घी, तेल और चीनी से परहेज करने वाले लोग भी बर्फी, लड्डू-पेड़ों का लुत्फ उठा सकते हैं।  अब आप सोच रहे होंगे कि बिना घी, तेल और चीनी के कैसी बर्फी और कैसे लड्डू पेड़े। पर यह बात सच है। ऐसी मिठाइयां आपको हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल के एक छोटे से गांव जंदली गुजरां में मिल जाएंगी।  


    ये गुणकारी मिठाइयां किसी बड़े उद्यम या फैक्टरी में नहीं बन रही हैं, बल्कि एक आम ग्रामीण महिला द्वारा बनाया गया एक छोटा सा महिला स्वयं सहायता समूह ही इन मिठाइयों को तैयार कर रहा है।  राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह की इन गुणकारी मिठाइयों ने सिर्फ जिला हमीरपुर में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
     
    बता दें कि नादौन उपमंडल के रंगस क्षेत्र के गांव जंदली गुजरां की अनीता ठाकुर ग्रामीण क्षेत्रों की आम महिलाओं की तरह ही अपना जीवन-यापन कर रही थीं। वह गाय-भैंस का दूध बेचकर हर माह कुछ आय अर्जित कर रही थीं। अपनी आय बढ़ाने के लिए उन्होंने आत्मा परियोजना की मदद से छोटे पैमाने पर पनीर और खोआ का उत्पादन शुरू किया।

     इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत महिला स्वयं सहायता समूह के गठन के लिए प्रेरित किया। अनीता ठाकुर ने राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह का गठन किया और कृषि विज्ञान केंद्र में अचार, चटनी, आंवला कैंडी और अन्य मिठाइयां बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।


     कुछ वर्ष पहले पति की मृत्यु के बाद अनीता ठाकुर पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी भी आ गई। इसलिए उन्होंने अपनी आय बढ़ाने के लिए राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पपीते और आंवले आदि की मिठाई का उत्पादन शुरू करने का निर्णय लिया। आज यह समूह बड़े पैमाने पर पपीते और आंवले की बर्फी, लड्डू, पेड़े और कैंडी तैयार कर रहा है। इन सभी मिठाइयों में घी, तेल और चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण घी और तेल की चिकनाई तथा चीनी से परहेज करने वाले लोग भी इन मिठाइयों का स्वाद ले सकते हैं।


     पौष्टिकता और अन्य गुणों से भरपूर ये मिठाइयां सिर्फ जिला हमीरपुर में ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों तथा बाहरी राज्यों में भी खूब पसंद की जा रही हैं।

     अनीता ठाकुर ने बताया कि मिठाइयों के उत्पादन से उन्हें काफी अच्छी आय हो रही है और इससे लगभग 10 अन्य महिलाओं को भी सीधा रोजगार मिल रहा है। उन्होंने इसी आय से नया मकान बनाया और लड़की की शादी भी की। वह अपनी दो अन्य बच्चों का पालन-पोषण भी कर रही हैं। इस प्रकार, अनीता ठाकुर ग्रामीण विकास विभाग की प्रेरणा एवं प्रोत्साहन तथा अपने सराहनीय प्रयास के कारण अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरी हैं।


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