ऋषि महाजन/नूरपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई है। हाल ही में पालमपुर में संपन्न हुई प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।
बैठक में शामिल जिला नूरपुर के संयोजक प्रशांत रघुवंशी ने कहा कि प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों को बंद किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को दूरदराज के क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा है। इससे शिक्षा में बाधा आ रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों की भरपाई न होना भी एक बड़ी समस्या है। एबीवीपी ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों की कमी को दूर कर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए। साथ ही उन्होंने पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
एबीवीपी ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि प्रदेश की सीमाओं से लगते क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए, ताकि नशे की तस्करी रोकी जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार को बसों का न्यूनतम किराया कम करना चाहिए और ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों में परिवहन सुविधाएं सुनिश्चित करनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को हिमाचल में शीघ्र लागू किया जाए, ताकि छात्रों को आधुनिक और समावेशी शिक्षा प्रणाली का लाभ मिल सके।