ऋषि महाजन/नूरपुर। रेलवे परामर्श समिति ZRUCC के सदस्य दीपक भारद्वाज ने कांगड़ा घाटी की रेल सेवाओं से जुड़े तीन अहम मुद्दों पर रेलवे को पत्र भेजकर ठोस कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने 16 और 19 मई 2025 को रेलवे अधिकारियों को पत्र भेजे। इनमें कांगड़ा घाटी रेल सेवा के आधुनिकीकरण, पठानकोट के पास चक्की ब्रिज की बहाली और नूरपुर रोड स्टेशन पर अंडरपास या फुट ओवरब्रिज निर्माण की मांग की गई।
दीपक भारद्वाज ने कहा कि पठानकोट से जोगिंद्रनगर तक चलने वाली कांगड़ा घाटी ट्रेन ऐतिहासिक धरोहर है। लेकिन इसमें न तो आधुनिक कोच हैं, न ही नियमित सेवाएं। इससे स्थानीय यात्रियों को परेशानी होती है। पर्यटन को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने ट्रेन में आधुनिक कोच लगाने, समयबद्ध संचालन और पर्यटन विभाग के सहयोग से प्रचार-प्रसार की मांग की।
2022 की बाढ़ में बह चुके चक्की रेलवे ब्रिज को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई। कहा, तीन साल बीतने के बाद भी पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ। इससे हजारों लोगों की आवाजाही और व्यापार प्रभावित हो रहा है। रेलवे ने जवाब में कहा कि श्रमिकों की कमी के कारण देरी हुई। अब अगस्त 2025 तक पुल का निर्माण पूरा कर संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
नूरपुर रोड स्टेशन के पास अंडरपास या फुट ओवरब्रिज की मांग भी लंबे समय से की जा रही है। यहां 8 से 10 गांवों के करीब 10 हजार लोग रोजाना आवाजाही करते हैं। रेलवे ने बताया कि 2.40 मीटर चौड़ा फुट ओवरब्रिज प्रस्तावित किया गया है। इसकी तकनीकी जांच हिमाचल लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में की जाएगी। इसके लिए जल्द संयुक्त निरीक्षण होगा।
18 जून 2025 को रेलवे ने जवाब भेजा। इसमें बताया गया कि कोचों का उन्नयन और सुविधाएं बढ़ाने का प्रस्ताव अंतिम चरण में है। चक्की ब्रिज का निर्माण अगस्त अंत तक पूरा होगा। नूरपुर रोड स्टेशन पर एफओबी निर्माण के लिए राज्य सरकार से समन्वय कर जल्द कदम उठाए जाएंगे।
दीपक भारद्वाज द्वारा उठाए गए मुद्दे क्षेत्रीय जनता की जरूरतों से जुड़े हैं। ये रेल सेवाओं के जरिए पर्यटन और स्थानीय विकास को गति देने की दिशा में अहम प्रयास हैं। अब देखना होगा कि रेलवे इन मांगों पर कितनी तेजी से काम करता है।