ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के फतेहपुर और इंदौरा उपमंडल के मंड क्षेत्र के लोगों को 54 दिन बाद राहत मिली है। जलस्तर कम होने से पौंग डैम के मेन गेट को 54 दिन बाद बंद कर दिया है। पौंग डैम से छोड़े गए पानी ने बीते 54 दिन तक मंड क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी।
ब्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई गांवों के खेत और जमीन बह गई। कई परिवारों के घर ब्यास नदी में समा गए थे। ग्रामीणों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों और रिश्तेदारों के घरों में शरण लेनी पड़ी। अधिकांश गांव टापू की शक्ल में बदल गए और जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
6 अगस्त, 2025 को बांध के स्पिलवे गेट खोले गए थे, जिन्हें आज 28 सितंबर, 2025 को सुबह 11 बजे बंद कर दिया गया। अब बांध के सभी छह स्पिलवे गेट बंद होने के बाद कुल 17,127 क्यूसेक जल निकासी केवल पौंग बांध के पावर हाउस (टरबाइनो) से होगी। इससे जलस्तर नियंत्रित रहेगा और बाढ़ जैसी स्थिति पर काफी हद तक रोक लगेगी।
एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने बताया कि गेट बंद होने के बाद इंदौरा और फतेहपुर मंड क्षेत्र में बाढ़ का खतरा अब नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएं। विश्रुत भारती ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में क्षेत्र में जीवन और कृषि गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार की संभावना है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहयोग और पुनर्वास का भरोसा दिलाया है।