धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को आपदा से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार आपदा प्रबंधन प्लान को धरातल पर परखने के लिए मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
कांगड़ा जिला में सुबह नौ बजे मॉक ड्रिल अलर्ट मिलते ही आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी दल पुलिस ग्राउंड स्टेजिंग एरिया में डट गए। जिला प्रशासन ने पूरी मॉक ड्रिल को वास्तविक घटना की तरह लेकर ही प्रतिक्रिया की।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने मॉक ड्रिल के बाद प्रेस वार्ता में बताया कि इस मॉक ड्रिल का मकसद आपदा के समय में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना था।
इसमें प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों को जांचा गया, साथ ही फील्ड में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं की पहचान की गई। इससे प्राप्त सीख और अनुभव के आधार पर आगे सुधारात्मक कदम उठा कर आपदा प्रबंधन योजना को और कारगर बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम आने को है और इसमें सम्भावित भारी बारिश, बाढ़, बादल फटना, भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से आपदा की स्थिति बनती है।
ऐसे में जन सुरक्षा तय बनाने और आपदा से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए अधिकारियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अपने दायित्वों की जानकारी, विभागों की आवश्यक पूर्व तैयारी और मुस्तैदी बहुत आवश्यक है। इसमें यह मॉक ड्रिल बहुत सहायक रही। अधिकारियों की आपदा प्रबंधन को लेकर क्षमता विकास में भी यह अभ्यास मददगार है।
इस पूरे घटनाक्रम में आपदा प्रबंधन योजना, रेस्क्यू ऑपरेशन, आपात संचार प्रणाली, विभागीय तालमेल, आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल, संसाधन मैपिंग, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, स्वास्थ्य व्यवस्था, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने, प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाने, राशन एवं पेयजल वितरण व्यवस्था देखने, स्थानीय स्तर पर जन सहयोग समेत स्थिति को सामान्य बनाने से जुड़े आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि कांगड़ा जिला के सभी उपमंडलों में बाढ़ तथा भूस्खलन को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की गई है।
पालमपुर उपमंडल में प्राकृतिक आपदा से निपटने और प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। पालमपुर के निकट सौरभ वन विहार क्षेत्र में न्यूगल नदी में आई बाढ़ के चलते फंसे सैलानियों और स्थानीय लोगों को निकालने तथा ग्राम पंचायत कंडी में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन की चपेट में आये लोगों को निकालने की स्थिति को आधार मानकर मॉक ड्रिल किया गया।
स्टेजिंग एरिया शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा मैदान से इंसिडेंट कमांडर तहसीलदार पालमपुर साजन बग्गा अगुवाई में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें पुलिस, होमगार्ड, एसडीआरएफ, राजस्व, अग्निशमन, वन, लोक निर्माण, जलशक्ति, खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने भाग लिया।
सौरव वन विहार में करीब 60 सैलानियों और स्थानीय लोगों के बाढ़ में फंसे होने तथा कंडी पंचायत में भूस्खलन के कारण 10 लोगों के फंसे होने की सूचना पर सारी टीमें मशीनरी सहित प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हुई और सफलता पूर्वक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
वहीं, धर्मशाला के चैतडू खड्ड में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यहां बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया गया।