शिमला में ढाई मंजिल की शर्त खत्म : सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया NGT का ऑर्डर
ewn24news choice of himachal 11 Jan,2024 5:29 pm
पूर्व जयराम सरकार ने फैसले के खिलाफ दायर की थी अपील
शिमला। शिमला शहर वासियों के लिए बढ़िया खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2017 के उस ऑर्डर को रद्द कर दिया है, जिसमें एनजीटी ने शिमला के ग्रीन व कोर एरिया में निर्माण पर पाबंदी लगाई थी।
प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से ज्यादा ऊंचा मकान बनाने की अनुमति नहीं थी। शीर्ष अदालत में न्यायाधीश BR गवई, न्यायाधीश PK मिश्रा और न्यायाधीश संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है।
पूर्व बीजेपी सरकार के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जयराम सरकार के शिमला डेवलपमेंट प्लान को अब सुप्रीम से भी हरी झंडी मिल गई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2017 के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें शिमला योजना क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर ढाई मंजिल की शर्त थी।
इसके साथ ही शिमला कोर व ग्रीन एरिया में भी भवन निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। पूर्व शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर के लोगों को इन आदेशों की सख्त आवश्यकता थी।
उन्होंने इस जनहित के फैसले के लिए उच्च न्यायालय का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।
एनजीटी के इन आदेशों को सेट ए साइट यानी खत्म करते हुए राज्य सरकार को नए प्लान के मुताबिक ही इस क्षेत्र में भवन निमार्ण की मंजूरी देने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018-19 में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की सुनवाई के दौरान योगेन्द्र मोहन सेन की शिकायत पर एनजीटी के 2017 के फैसले को चुनौती दी थी। इसमें शिमला योजना क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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