पौंग विस्थापितः लंबित मामलों के लिए वन टाइम सेटलमेंट प्लान हो तैयार
ewn24news choice of himachal 23 Jan,2024 7:08 pm
सांसद किशन कपूर ने बैठक में कही बात
धर्मशाला। पौंग विस्थापितों के लंबित मामलों को निपटाने के लिए बीबीएमबी प्रशासन को जल संसाधन मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के सचिवों के साथ संयुक्त बैठक के आयोजित करवाने के निर्देश दिए हैं। इस बाबत मंगलवार को सांसद किशन कपूर की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय परिसर में पौंग विस्थापितों के राहत तथा पुनर्वास के लिए आयोजित समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
सांसद किशन कपूर ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिन पौंग विस्थापितों को अब तक राजस्थान में जमीन उपलब्ध नहीं करवाई गई है, उसका वन टाइम सेटलमेंट के जरिये हल निकालने का प्लान भी तैयार किया जाए, ताकि पौंग विस्थापितों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़े।
सांसद किशन कपूर ने कहा कि पौंग डैम बनने से कांगड़ा जिला के विभिन्न उपमंडलों में 20722 परिवार प्रभावित हुए थे, जिनमें से 16352 को जमीन मुहैया करवाने की प्रक्रिया आरंभ की गई थी। राजस्थान में 8609 प्रभावित परिवारों को खेती योग्य जमीन उपलब्ध करवाई जा चुकी है, जबकि अभी 7743 प्रभावित परिवारों को जमीन मुहैया करवाने के मामले अभी तक लंबित हैं। इन मामलों के त्वरित निपटारे के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
सांसद किशन कपूर ने कहा कि पौंग विस्थापितों के लंबित मामलों का समयबद्व निपटारा करने के लिए प्रति माह राजस्थान के राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं तथा आयुक्त राहत एवं पुनर्वास फतेहपुर की ओर तैयार किया गया रिकॉर्ड भी राजस्थान सरकार को उपलब्ध करवाया जाए।
देहरा के विधायक होशियार सिंह राणा ने पौंग विस्थापितों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि पौंग जलाशय में सिल्ट इत्यादि को निकालने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही पौंग जलाशय के साथ कई पंचायतों में भूस्खलन इत्यादि की समस्या भी उत्पन्न हुई है तथा बीबीएमबी प्रशासन को रिटेनिंग वॉल लगाने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक कालेश्वर महादेव मंदिर के नजदीक भी सिल्ट के कारण काफी समस्या उत्पन्न हो रही है तथा बरसात के दौरान कालेश्वर मंदिर परिसर तक जलाशय का पानी आ जाता है।
पौंग जलाशय के इसके साथ ही जलाशय की परिधि में सड़क निर्माण का सुझाव भी दिया, ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सके इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि पौंग डैम प्रभावितों का गहनता के साथ राजस्व रिकार्ड तैयार किया गया है तथा पौंग डैम के विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर भी प्रशासन की ओर से कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। पौंग डैम विस्थापितों की फाइल दुरूस्ती के लिए बंदोबस्त कार्यालय को भेजी गई है।
इससे पहले आयुक्त राहत एवं पुनर्वास पौंग विस्थापित, संजय धीमान ने पौंग विस्थापितों के पुनर्वास के मामलों को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार को ज्वाइंट मीटिंग के लिए लिखित तौर पर आग्रह किया गया है।
इसके साथ ही पारदर्शिता की दृष्टि से पौंग विस्थापितों का रिकॉर्ड गूगल शीट पर भी तैयार किया गया है, जिसमें विस्थापितों को डिटेल में जानकारी प्राप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि पौंग विस्थापितों के लिए हेल्पलाइन नंबर 01893-250945, मोबाइल नंबर 98052-26122 तथा 94184-68365 भी जारी किए गए हैं। पौंग विस्थापित पुनर्वास से संबंधित किसी भी समस्या को लेकर इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं।