बिलासपुर। हिमाचल के जिला बिलासपुर में पिछले कुछ समय से शिक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे बाल मेला एसएमसी प्रशिक्षण अध्यापक प्रशिक्षण आदि कार्यक्रमों का आयोजन शिक्षा के स्थापित शैक्षणिक एवं प्रशासनिक ढांचे के अनुरूप न करके अलग प्रकार से किया जा रहा है।
इस नई एवं अव्यावहारिक व्यवस्था का प्राथमिक शिक्षक संघ स्वारघाट ने विरोध किया है। प्राथमिक शिक्षक संघ स्वारघाट का प्रतिनिधिमंडल इस संदर्भ में बीईईओ स्वारघाट से मिला तथा उन्हें ज्ञापन सौंपा।
संघ के खंड अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि पिछले महीने बाल मेला कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। खंड स्तर पर शिक्षा खंड श्री नैना देवी जी तथा शिक्षा खंड स्वारघाट के प्राथमिक और वरिष्ठ माध्यमिक दोनों ही स्तरों का बाल मेला एक ही आयोजन स्थल पर करने के आदेश हुए।
वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जकातखाना में इस बाल मेले के आयोजन के दौरान अव्यवस्था का माहौल रहा, क्योंकि 25-30 मीटर के दायरे में ही चार अलग-अलग मंच सजाने पड़े। यही हाल अब एसएमसी के एकदिवसीय प्रशिक्षण के संदर्भ में है।
शिक्षा खंड श्री नैना देवी जी स्वारघाट तथा शिक्षा खंड सदर की कुल 261 प्राथमिक माध्यमिक तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के 781प्रतिभागियों के लिए एक ही आयोजन स्थल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठीपुरा में आयोजन किया जा रहा है, जोकि कतई अव्यावहारिक तथा शिक्षा के स्थापित शैक्षणिक एवं प्रशासनिक ढांचे के बिल्कुल विरुद्ध है। इतने प्रतिभागियों के लिए एक ही स्थल पर प्रशिक्षण दिया जाना तथा उनकी शंकाओं का समाधान किया जाना कतई संभव है।
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अधिकांश प्रतिभागियों को 30 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा करनी होगी, जिससे भारी राशि अतिरिक्त रूप से यात्रा भत्ते के रूप में देनी होगी। अधिकतर एसएमसी सदस्यों को अधिक दूरी तथा उचित एवं समय पर सार्वजनिक यात्रा वाहनों की उपलब्धता न होने से भाग लेने में परेशान होती है, जबकि निजी टैक्सी वाहनों हेतु उचित बजट राशि के अनुपलब्धता होती है।
ज्यादातर एसएमसी सदस्य महिलाएं गृहणियां होती हैं, जिनके लिए अल सुबह से देर शाम तक घर से बाहर रहने हेतु व्यवस्था एक चुनौती होती है तथा अध्यापकों को इन माता अभिभावकों को लंबी तथा असुविधाजनक यात्राओं के लिए सहमत करना एक चुनौती होती है।
इस संदर्भ में प्राथमिक शिक्षक संघ स्वारघाट मांग करता है कि बनी हुई शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था के केंद्र खंड एवं जिला स्तर को नजरअंदाज ना किया जाए तथा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी इन्हीं स्तरों के अनुसार ही करवाया जाए।
प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्तर के लिए पृथक पृथक आयोजन व्यवस्था होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में रूपलाल कटवाल, सुखदेव शर्मा, निर्मला शर्मा, प्रवीन शर्मा, प्रविता देवी, संतोष कुमारी, बलवीर सिंह, जोगेंद्र पाल शर्मा, पुष्पराज, महेंद्र पाल, विचित्र सिंह, कुलविंदर, जयप्रकाश, संतोष कुमार, भाग सिंह और जसपाल आदि शामिल हुए।