धर्मशाला। हिमाचल में स्टेट कैडर की नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग को लेकर पटवारी और कानूनगो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
पटवारी-कानूनगो की विभिन्न मांगों को लेकर चल रही हड़ताल हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमें नायब तहसीलदारी में उनके पदोन्नति अवसर बढ़ाने की मांग बारे स्पष्टता का अभाव सामने आया है। जिला कांगड़ा के पटवार और कानूनगो को इस मुद्दे को सभी के लिए स्पष्ट करना अनिवार्य प्रतीत होता है।
जिला कांगड़ा के पटवारी और कानूनगो का कहना है कि वर्तमान में नायब तहसीलदार के 60 प्रतिशत पद कानूनगो वर्ग, 20 फीसदी सीधी भर्ती और 20 फीसदी मिनिस्ट्रियल स्टाफ से भरे जाते हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पटवारी से कानूनगो तक का कुल कैडर लगभग 4200 का है, जबकि लिपिक वर्ग (क्लर्क/जेओए/सीनियर असिस्टेंट) की कुल संख्या मात्र 1900-2000 के करीब है।
बावजूद इसके, कानूनगो के लिए नायब तहसीलदार पदों में पदोन्नति अवसर मात्र 60 फीसदी हैं, जबकि मिनिस्टीरियल स्टाफ को 120 फीसदी पदोन्नति अवसर (100 फीसदी अपने पदानुक्रम अधीक्षक वर्ग-2 में और 20 फीसदी नायब तहसीलदारी में) प्रदान किए जा रहे हैं। यह विसंगति पटवारी-कानूनगो वर्ग के साथ अन्याय को दर्शाती है।
कानूनगो वर्ग की बात करें तो कुल स्वीकृत पद (मोहल एवं सेटलमेंट मिलाकर) 950 है। नायब तहसीलदार में प्रमोशन हेतु आरक्षित पद 138 हैं। प्रमोशन रेशो 7 कानूनगो पर 1 पद है। मिनिस्ट्रियल स्टाफ की बात करें तो कुल स्वीकृत पद (सीनियर असिस्टेंट) 598 हैं। अधीक्षक वर्ग-2 में प्रमोशन हेतु स्वीकृत पद 226 हैं। नायब तहसीलदार में प्रमोशन हेतु आरक्षित पद 47 हैं। कुल पदोन्नति अवसर 273 हैं। प्रमोशन रेशो की बात करें तो हर दूसरे सीनियर असिस्टेंट के लिए 1 पद है।
यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि पटवारी-कानूनगो वर्ग को पदोन्नति के मामले में गंभीर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। जहां मिनिस्टीरियल स्टाफ को 120 फीसदी पदोन्नति अवसर दिए जा रहे हैं, वहीं कानूनगो वर्ग को मात्र 60 फीसदी पदों पर ही संतोष करना पड़ रहा है। इस विसंगति के कारण ही एक पटवारी से नायब तहसीलदार तक प्रमोशन के लिए 25 वर्ष का इंतजार करना पड़ रहा है।
मिनिस्टीरियल स्टाफ 12-15 वर्ष में या अधीक्षक के पद पर या नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नत हो रहे हैं। इस मांग को सरकार द्वारा बनाई गई बलवान कमेटी द्वारा भी सही माना गया है और सरकार को इस विसंगति को दूर कर नायब तहसीलदार में पदोन्नति अवसर को 60 फीसदी से बढ़ाकर 80 फीसदी करने बारे सिफारिश भी कर रखी है।
पटवारी से कानूनगो की मांग है कि पटवारी-कानूनगो के लिए नायब तहसीलदार में पदोन्नति अवसर को 60 फीसदी से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया जाए। मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए पदोन्नति प्रतिशत की समीक्षा कर इसे समानुपातिक बनाया जाए। सरकार इस अन्यायपूर्ण नीति पर पुनर्विचार करे और पटवारी-कानूनगो वर्ग के साथ न्याय करें।
पटवारी से कानूनगो का कहना है कि पटवारी-कानूनगो वर्ग ने हमेशा निष्ठा और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन किया है। हमारा संघर्ष केवल अपने अधिकारों और न्याय के लिए है, न कि किसी अन्य वर्ग के विरोध में। यदि हमारी मांगे शीघ्र नहीं मानी गईं तो हमें अपने संघर्ष को और तेज करना पड़ेगा।