तपोवन (धर्मशाला)। आरक्षण, छात्रावास, जनगणना, बैकलॉग, लाइफटाइम प्रमाण पत्र आदि की मांग को लेकर ओबीसी (OBC) संघर्ष समिति ने हल्ला बोला।
समिति ने जोरावर स्टेडियम में प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर शीतकालीन सत्र में ओबीसी की 21 प्रमुख मांगों पर चर्चा नहीं हुई तो आंदोलन बड़े स्तर पर किया जाएगा।
बता दें कि विधानसभा शीतकालीन सत्र छठे दिन तपोवन के पास जोरावर स्टेडियम ओबीसी (OBC) संघर्ष समिति के नारों से गूंज उठा। समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों आदि का कहना है कि वे कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है।
समिति का कहना है कि 20 सितंबर को कांगड़ा से धर्मशाला तक 20 हजार लोग सड़कों पर उतरे थे, लेकिन इतनी बड़ी रैली के बाद भी सरकार ने OBC समाज से बातचीत तक करना उचित नहीं समझा। उनका कहना है कि शीतकालीन सत्र को छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन OBC वर्ग की एक भी मांग पर सदन में चर्चा नहीं हुई।
समिति ने यह भी कहा कि OBC वर्ग से आए विधायक चंद्र कुमार, विधायक सुखराम चौधरी, पवन काजल ने भी अब तक OBC मुद्दों का जिक्र नहीं किया। वहीं, OBC बहुल क्षेत्रों से चुने गए रघुवीर सिंह बाली, केवल पठानिया और सुधीर शर्मा पर भी समुदाय से पीछे हटने का आरोप लगाया गया है।
समिति का कहना है कि फिलहाल शांतिपूर्ण आंदोलन को प्राथमिकता दी गई है। जोरावर स्टेडियम में हम सरकार को आखिरी बार संदेश दे रहे हैं। हमारी 21 मांगें वर्षों से लंबित हैं। सत्र में एक दिन चर्चा तक नहीं हुई। सरकार अगर इसे हमारी कमजोरी समझ रही है तो बहुत बड़ा भ्रम है।
* उच्च शिक्षण संस्थानों में OBC आरक्षण
* सरकारी सेवाओं में 27% आरक्षण
* विश्वविद्यालयों में OBC छात्रावास
* हिमाचल में OBC जनगणना
* रोस्टर प्रणाली लागू
* बैकलॉग पद भरने
* SC/ST की तर्ज पर OBC के लिए पृथक बजट
* OBC प्रमाणपत्र को लाइफटाइम करना आदि