मंडी। देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाली छोटी काशी मंडी के अनेकों शिवालयों में 27 जनवरी की तारा रात्रि से बाबा भोलेनाथ के घृत कंबल रूपी श्रृंगार रस्में लगातार जारी हैं। इन शिवालयों में बाबा भोलेनाथ रोजाना नए स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।
मंडी शहर में स्थित बाबा भूतनाथ के स्वयंभू शिवलिंग पर मंगलवार को ओडिशा के संबलपुर में स्थित गुडेश्वर शिव का स्वरूप मक्खन पर उकेरा गया। भोले बाबा ने नए स्वरूप के दर्शन करने के लिए बाबा भूतनाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा।
भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पश्चिमी ओडिशा के हृदय में बसा गुडेश्वर शिव मंदिर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक प्रमाण है। संबलपुर के दुर्गापल्ली में स्थित यह वास्तुशिल्प चमत्कार दूर-दूर से पर्यटकों को आकर्षित करता है तथा ओडिशा की आध्यात्मिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता की झलक प्रदान करता है।
बताया जाता है कि एक चरवाहे ने इस स्थान पर एक शिव लिंगम की खोज की थी जिसके कारण मंदिर का निर्माण हुआ। गुडेश्वर शिव मंदिर की वास्तुकला कलिंग शैली का एक शानदार उदाहरण है, जिसमें जटिल नक्काशी और एक ऊंचा शिखर है जो क्षितिज पर छा जाता है।
गुडेश्वर शिव मंदिर परिसर के अंदर एक हनुमान मंदिर है। गुडेश्वर शिव मंदिर ओडिशा के संबलपुर में सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का आकार शिव लिंग जैसा दिखता है। इस मंदिर का मुख्य त्योहार महाशिवरात्रि है। इस दौरान हजारों भक्त गुडेश्वर शिव मंदिर पहुंचते हैं।