रेखा चंदेल/झंडूता। वर्ष 2012 से संचालित केंद्रीय विद्यालय घुमारवीं जिला बिलासपुर इन दिनों संकट में है। बीते महीने की तेज बारिश के बाद विद्यालय भवन की दीवारों में पड़ी दरारों ने न केवल छात्रों की पढ़ाई पर असर डाला है, बल्कि अभिभावकों की चिंता भी बढ़ा दी है।
बता दें कि 30 जून के बाद से विद्यालय सुचारु रूप से संचालित नहीं हो पा रहा है। भवन की हालत को देखते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसका निरीक्षण किया और इसे असुरक्षित (UnSafe) घोषित कर दिया है। वर्तमान में विद्यालय भवन में छात्रों को बैठाना किसी बड़े हादसे को न्योता देने जैसा है।
विद्यालय प्रशासन ने फिलहाल दो शिफ्टों में परीक्षाएं आयोजित करनी शुरू कर दी हैं। वहीं, कक्षा पांचवीं तक के विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं, जो छोटे बच्चों के लिए बेहद कठिन साबित हो रही हैं।
अभिभावकों का कहना है कि वे मोबाइल के दुष्प्रभावों से भली भांति परिचित हैं और अब सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक छोटे बच्चों को मोबाइल थमाना उनके लिए न केवल चुनौतीपूर्ण, बल्कि चिंताजनक भी है।
अभिभावक वीना कुमारी ने कहा कि दो जुलाई को स्कूल प्रबंधन ने सूचित किया कि बच्चों को ऑफलाइन स्कूल नहीं भेज सकते हैं। क्योंकि पीडब्ल्यूडी ने भवन को अनसेफ घोषित कर दिया है। 2 जुलाई से बच्चों की क्लासें ऑनलाइन लग रही हैं। छोटे बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं लगा पा रहे हैं। उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 9 से दोपहर बाद 3 बजे तक लंबा टाइम होता है।
इतने टाइम बच्चे फोन नहीं देख पा रहे हैं। इससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस समस्या का समाधान करें, ताकि बच्चे सुरक्षित और नियमित रूप से पढ़ाई कर सकें।