ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग उपमंडल कोटला के अंतर्गत आने वाले कुठेड़-ज्वाली मार्ग पर एक निजी कंपनी द्वारा सड़क निर्माण कार्य शुरू तो किया गया, लेकिन आधे काम के बाद मशीनें थम गईं और सड़क उखड़ी ही रह गई। अब इस अधूरे कार्य ने लोगों के लिए धूल और परेशानी का नया संकट खड़ा कर दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की सतह उखड़ जाने से रोज़ धूल का बादल उठता है। रोज़गार पर जाने वाले लोग, स्कूल के बच्चे और बुजुर्ग , सभी को इस धूल-मिट्टी में सांस लेना मुश्किल हो गया है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि कंपनी की ओर से पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा, जिससे पूरा इलाका दिनभर धुंधला रहता है।
स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने बताया कि कई बार कंपनी को कहा गया कि सड़क पर पानी डलवाएं ताकि धूल कम हो, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब तो हालात ऐसे हैं कि घरों में भी धूल जमा हो रही है।
बुद्धिजीवी वर्ग और सामाजिक संस्थाओं ने भी इसे जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कंपनी को तुरंत पानी का छिड़काव शुरू करने और कार्य पूरा करने के निर्देश दिए जाएं, अन्यथा ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
इस संबंध में क्षेत्र के बीडीसी सदस्य सुरेंद्र कुमार ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायतें पूरी तरह वाजिब हैं। कंपनी को कई बार मौखिक चेतावनी दी गई है, लेकिन स्थिति जस की तस है। अब प्रशासन को सख्ती से दखल देना चाहिए।
वहीं, लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर महेंद्र धीमान ने बताया कि विभाग ने कंपनी को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी स्थिति में जनता के स्वास्थ्य से समझौता न किया जाए और नियमानुसार कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरे, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।