रेखा चंदेल/झंडूता। हिमाचल के सोलन जिला की नगर निगम सोलन के मेयर पद मामले में पूर्व मेयर ऊषा शर्मा को बड़ी राहत मिली है। वहीं, प्रदेश की कांग्रेस सरकार को झटका करार दिया जा सकता है।
बता दें कि उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने अपने एक फैसले में भारतीय जनता पार्टी की निवृत्त की गई मेयर को एक बार फिर से मेयर के पद पर नियुक्ति के आदेश दिए हैं।
न्यायधीश सूर्यकांत व न्यायधीश के नोटेश्वर सिंह ने सोमवार को अपने एक फैसले में तल्ख टिप्पणी की है। फैसले में नगर निगम सोलन मेयर के पद से ऊषा शर्मा को पदच्युत करना "राजनैतिक गुंड़ागर्दी" करार देते हुए बची अवधि के लिए दोबारा से मेयर के पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए।
बता दें कि कांग्रेस से बगावत करके पार्षद ऊषा शर्मा दिसंबर 2023 में भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के सहयोग से कांग्रेस के प्रत्याशी सरदारा सिंह को हरा कर मेयर का चुनाव जीता था।
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शहरी विकास विभाग को यह कह कर शिकायत की थी कि यह दल बदल कानून का उल्लंघन है। इस पर संज्ञान लेते हुए शहरी विकास विभाग के प्रिसिंपल सेक्रेटरी दिवेश कुमार ने ऊषा शर्मा व उप मेयर को अयोग्य घोषित कर दिया था।
मामला हाईकोर्ट भी गया और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था। इसके बाद प्रार्थी ऊषा शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए यह फैसला सुनाया।