राकेश चंदेल/बिलासपुर। हिमाचल राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ का अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शिमला में सोमवार को 38वें दिन में प्रवेश कर गया। संघ अपनी विभिन्न मांगों, विशेषकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की पुनः स्थापना को लेकर लगातार आंदोलनरत है।
सोमवार को जिला बिलासपुर के शिक्षा खंड श्री नैना देवी जी के अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, संजीव कुमार (राज्य उपाध्यक्ष, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ), धर्म सिंह (जिला प्रतिनिधि), तेजपाल शर्मा (महासचिव, शिक्षा खंड झंडुता), राकेश धीमान (राज्य प्रतिनिधि), रामपाल (जिला प्रतिनिधि) क्रमिक अनशन पर बैठे।
इस अवसर पर राज्य मुख्य सलाहकार देशराज शर्मा, जिला बिलासपुर के अध्यक्ष रमेश शर्मा, जिला चंबा के अध्यक्ष पुनीत निराला, राज्य कार्यालय सचिव राजीव शांडिल, शिक्षा खंड झंडुता के अध्यक्ष जोगिंदर लाल, कोषाध्यक्ष सुरजीत कुमार, राज्य प्रतिनिधि सुरेश कुमार, तथा महासचिव (श्री नैना देवी जी खंड) परमजीत सिंह भी उपस्थित रहे।
संघ के अनुसार, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की समाप्ति से 25,000 से अधिक वर्तमान शिक्षक तथा 40,000 से अधिक सेवानिवृत्त शिक्षक मानसिक रूप से आहत हुए हैं। यह निदेशालय 1984 में तत्कालीन राज्य अध्यक्ष स्वर्गीय सरदार अवतार सिंह के नेतृत्व में लंबे संघर्ष के बाद गठित हुआ था, जो आज भावनात्मक रूप से शिक्षकों से जुड़ा विषय बन चुका है।
संघ का आरोप है कि कुछ लोग सरकार को भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर शिक्षकों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, जो न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि वर्तमान सरकार की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र भी है।
बिलासपुर जिला अध्यक्ष रमेश शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से प्राथमिक शिक्षकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए तुरंत वार्ता की अपील की है।
संघ ने 26 अप्रैल 2025 को शिमला के चौड़ा मैदान में शांतिपूर्ण रोष प्रदर्शन किया था। परंतु इसके पश्चात आठ शिक्षकों को निलंबित करना लोकतंत्र और संविधान की भावना के विरुद्ध बताया गया है।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, हिमाचल प्रदेश के राज्य अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा तथा बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षक भी इसका हिस्सा बनेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ ने ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार नहीं किया है, बल्कि यह मांग की है कि स्कूलों में मोबाइल, इंटरनेट डाटा तथा अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। जब तक यह आधारभूत ढांचा प्रदान नहीं किया जाता, शिक्षक अपने निजी संसाधनों से ऑनलाइन कार्य नहीं करेंगे।
संघ ने शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि वह प्राथमिक स्कूलों में आवश्यक संसाधन शीघ्र उपलब्ध करवाकर शिक्षण व्यवस्था को बाधित होने से बचाए।