ऋषि महाजन/नूरपुर। जिंदगी को अलविदा कह चुका नवनीत सिंह तीन लोगों को जिंदगी की सौगात दे गया। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के गंगथ गांव का 23 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र नवनीत सिंह 3 जुलाई को छत से गिर गया। छत से गिरने से नवनीत गंभीर रूप से घायल हो गया।
उसे गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसे ब्रेन डेड घोषित किया गया। इस मुश्किल घड़ी में नवनीत के पिता जनक सिंह ने साहस दिखाते हुए बेटे के अंगदान का निर्णय लिया, जिससे तीन गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जीवनदान मिला।
नवनीत की एक किडनी और पैंक्रियाज को पीजीआई में दो अलग-अलग मरीजों में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया। रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के प्रो. आशीष शर्मा के नेतृत्व में एक मरीज को एक साथ किडनी और पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट किए गए, जिससे टाइप 1 डायबिटीज से जूझ रहा मरीज स्वस्थ हो गया। दूसरी किडनी भी एक ऐसे मरीज को दी गई जो वर्षों से डायलिसिस पर था।
नवनीत का दिल एक नई चुनौती बनकर सामने आया, क्योंकि पीजीआई में उपयुक्त प्राप्तकर्ता नहीं था। ऐसे में दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में भर्ती 26 वर्षीय युवक को जीवन देने के लिए नवनीत का दिल शनिवार सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मोहाली एयरपोर्ट पहुंचाया गया और वहां से फ्लाइट द्वारा दिल्ली भेजा गया। वहां उसे सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया गया।
पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने इस अद्वितीय निर्णय के लिए नवनीत के परिजनों को नमन किया। नवनीत के पिता जनक सिंह, मां अंजू, बहन पूजा और दादी सत्या देवी ने गम के इस पहाड़ में भी मानवता का उजाला फैलाया।
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि नवनीत दूसरों में जीवित रहेगा। यह न केवल एक परिवार की मजबूती की कहानी है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा भी है। नवनीत के पिता जनक सिंह ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा कि नवनीत की यादें उनके दिल में रहेंगी।