राकेश चंदेल/बिलासपुर। हिमाचल के बिलासपुर जिला के उपमंडल झंडूता की ग्राम पंचायत बैरी मियां में सरकार द्वारा चलाए जा रहे बीपीएल सर्वे के विरोध में ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। सरकार द्वारा तय किए गए मापदंडों को गरीब विरोधी करार देते हुए ग्रामीणों ने ग्राम सभा का बहिष्कार किया। पंचायत के 452 परिवारों में से महज 5 लोग ही सभा में पहुंचे, जबकि पांच वार्ड सदस्यों समेत कुल 10 लोग ही उपस्थित हुए।
ग्राम वासियों का कहना है कि हिमाचल सरकार द्वारा बीपीएल सूची तैयार करने के लिए तय किए गए मापदंड वास्तविकता से परे हैं और इनसे गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। ग्रामीणों ने दो टूक कहा है कि जब तक बीपीएल सर्वे के मापदंडों में गरीबों के हित में बदलाव नहीं किया जाता, तब तक कोई भी ग्राम सभा में भाग नहीं लेगा।
ग्राम पंचायत बैरी मियां के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में उपायुक्त बिलासपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपेंगे और मांग करेंगे कि बीपीएल सर्वे के मापदंडों को गरीबों की स्थिति के अनुसार संशोधित किया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि मौजूदा नियमों के अनुसार बीपीएल की पात्रता में मुखिया की आयु 18 से 59 वर्ष तक तय की गई है, जबकि बच्चों की उम्र भी इसी श्रेणी में रखी गई है। ग्रामीणों ने तर्क दिया कि वर्तमान समय में बच्चों की पढ़ाई 25 से 26 वर्ष की उम्र तक चलती है, ऐसे में यह आवश्यक है कि बच्चों की आयु सीमा 30 वर्ष तक बढ़ाई जाए, ताकि परिवारों को सही लाभ मिल सके।
इस विरोध में ध्यान सिंह, संतोष कुमारी, रेखा देवी, मीना देवी, रक्षा, गीता देवी, पूनम कुमारी, सपना देवी, कौशल्या देवी, नरेश कुमार, प्रकाश चंद, रूपा देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने अपनी आवाज बुलंद की।
समाजसेवी जितेन्द्र कुमार बसु ने कहा कि सरकार के वर्तमान मापदंडों के हिसाब से बैरी मियां पंचायत का कोई भी परिवार बीपीएल सूची में नहीं आ पाएगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीपीएल सर्वे में आवश्यक बदलाव करे, ताकि असल में जरूरतमंद लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।