ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर का बहुप्रतीक्षित फोरलेन प्रोजेक्ट जो पहले ही सुस्त रफ्तार से चल रहा था, अब कानूनी दांवपेंच में बुरी तरह उलझ गया है। पिछले दो माह से काम पूरी तरह ठप पड़ा है। टूटी-फूटी सड़कें और गड्ढों से भरा रास्ता अब जनता की जान पर आफत बन चुका है। क्षेत्रवासी और व्यापारी वर्ग रोजाना इस फोरलेन पर सफर करने को मजबूर हैं।
व्यापारियों का काम धंधा चौपट हो चुका है। जसूर का बाजार, जो कभी चहल-पहल से भरा रहता था, अब सुनसान पड़ा है। दुकानदारों की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ रही है। ग्राहक आने से कतराने लगे हैं, क्योंकि सड़क की हालत किसी नरक से कम नहीं है।
गंभीर बात यह है कि गड्ढों और टूटी सड़कों के कारण कई लोगों ने अपनी जान तक गंवाई है। बावजूद इसके, न प्रशासन और न ही नेताओं को जनता की पीड़ा सुनाई दे रही है। क्षेत्रवासी सांसद से लेकर अधिकारियों तक अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब सिर्फ़ खोखले आश्वासन ही हाथ लग रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार आईआरबी की सिस्टर कंसर्न कंपनी मॉडर्न रोड मेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने यह काम जेएस ग्रोवर कंपनी को सबलेट किया था, लेकिन उसकी लापरवाही, धीमी स्पीड और कामकाज पर उठ रहे सवालों के चलते एग्रीमेंट खत्म कर दिया गया। इसके बाद विवाद बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया।
अदालत से निर्देश आया कि फ्लाईओवर पर लगे गार्डर, शटरिंग प्लेट और मशीनरी को हटाया न जाए, क्योंकि ग्रोवर कंपनी पहले ही करोड़ों रुपये एडवांस ले चुकी थी।
14 अगस्त 2025 को मॉडर्न रोड मेकर कंपनी ने यह काम भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा, लेकिन इस बार ग्रोवर कंपनी ने भारत कंस्ट्रक्शन के खिलाफ अदालत से स्टे ले लिया। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने ग्रोवर कंपनी की दलीलें खारिज कर दी।
करीब दो महीने से ठप पड़े इस प्रोजेक्ट में अब नई उम्मीद जगी है। अदालत के फैसले के बाद रास्ता साफ हो गया है। लोगों को उम्मीद है कि नई कंपनी तेजी से काम करेगी और उन्हें इस नारकीय जीवन से राहत मिलेगी।
आईआरबी कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर हरप्रीत सिंह ने फोन पर बताया कि शीघ्र काम को तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। जनता को जल्द ही राहत मिलेगी।
जनता अब देख रही है कि क्या वाकई इस बार काम रफ्तार पकड़ता है या फिर यह फोरलेन भी नेताओं और कंपनियों के विवादों में उलझकर जसूर के लोगों को और त्रस्त करता रहेगा।