शहीद प्रमोद नेगी पंचतत्व में विलीन, शिलाई में सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
ewn24news choice of himachal 06 May,2023 6:53 pm
शिलाई। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए सिरमौर के वीर सपूत प्रमोद नेगी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। शहीद प्रमोद नेगी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। शहीद प्रमोद नेगी की पार्थिव देह पहले पांवटा साहिब पहुंची, जहां गोविंद घाट बैरियर पर सैकड़ों लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद उनके देह को पैतृक गांव शिलाई लाया गया। पार्थिव देह जैसे ही गांव पहुंची तो चारों ओर शहीद प्रमोद नेगी अमर रहे के नारे गूंज उठे। बेटे की पार्थिक देह देखकर माता-पिता फूट-फूटकर रोने लगे। हजारों लोग नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे।
शहीद प्रमोद नेगी पैराट्रूपर थे, जो 9 पैरा रेजिमेंट में 2017 में भर्ती हुए थे। वह दो साल से भारत की सुरक्षा करने वाले स्पेशल फोर्स में तैनात थे। वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एक सर्च ऑपरेशन टीम का हिस्सा थे। प्रमोद के घर में उनकी माता तारा देवी, पिता देवेंद्र नेगी, छोटा भाई नितेश नेगी और बड़ी बहन मनीषा हैं।
मिशन पर जाने से कुछ घंटे पहले शहीद बेटे प्रमोद नेगी ने फोन पर अपनी माता से बात की थी। प्रमोद ने कहा था- मां... जरूरी मिशन पर जा रहा हूं। हो सकता है कि 10 दिन मोबाइल बंद रहे, पर चिंता न करना। जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा।
गुरुवार रात करीब साढ़े 11 बजे पांच से सात मिनट की बातचीत में प्रमोद ने अपने माता-पिता का हालचाल पूछा और पिता से भी कुछ देर बात की। अगले ही दिन साढ़े 12 बजे के आसपास परिजनों को बेटे की शहादत की खबर मिली तो वे होश खो बैठे। प्रमोद की शहादत की खबर मिलते ही पूरा गिरिपार इलाका गम में डूब गया। शहीद प्रमोद का छोटा भाई नितेश नेगी भी भारतीय सेना में तैनात हैं।
अभी किसी की भी शादी नहीं हुई थी। बड़ी बेटी की शादी के बाद ही छोटे बेटे की शादी का नंबर आना था, लेकिन इससे पहले प्रमोद देश पर कुर्बान हो गया। प्रमोद नेगी दिसंबर में घर आए थे। बताया जा रहा है कि प्रमोद नेगी ने छह जुलाई को घर आने वाले थे। घर के किसी शादी समारोह के लिए उनकी छुट्टी भी मंजूर हो चुकी थी। वह घर आते इससे पहले ही उनकी शहादत की खबर आ गई।