कांगड़ा जिला सुशासन सूचकांक में लगातार दूसरी बार नंबर वन
ewn24news choice of himachal 10 Oct,2023 6:06 pm
‘गुड गवर्नेंस’ के लिए मुख्यमंत्री ने डीसी कांगड़ा को दिया पुरस्कार
धर्मशाला।हिमाचल के जिला कांगड़ा ने लगातार दूसरी बार सुशासन सूचकांक में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर राज्य में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को दोहराया है। राजधानी शिमला में आज मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने ‘गुड गवर्नेंस’ के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रथम पुरस्कार मिलने पर जिले को 50 लाख रुपए भी पुरस्कार के रूप में प्राप्त हुए हैं। लगातार दूसरे वर्ष सुशासन सूचकांक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिलाधीश कांगड़ा के नेतृत्व में पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की।
हमीरपुर जिला दूसरे और लाहौल-स्पीति तीसरे स्थान पर
वहीं, जिला हमीरपुर ने सराहनीय प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है। आर्थिकी और सांख्यिकी विभाग द्वारा तैयार हिमाचल प्रदेश जिला सुशासन सूचकांक पर वार्षिक रिपोर्ट-2022 में यह उपलब्धि हासिल करने के लिए जिला हमीरपुर को 35 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम में हमीरपुर के डीसी हेमराज बैरवा को यह पुरस्कार प्रदान किया।
वहीं, तीसरे स्थान पर लाहौल-स्पीति जिला रहा है। लाहौल-स्पीति जिला को 25 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है। डीसी राहुल कुमार को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिला कांगड़ा में विभागों के बेहतर आपसी समन्वय के चलते गवर्नेंस सुगम और सरल हुई है। उन्होंने कहा कि जिला में जनता की सुविधा और सरकार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तन्मयता और निष्ठा से कार्य कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को इस पुरस्कार का श्रेय जाता है।
उन्होंने भविष्य में भी इस प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए जिलें में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों से एक्यभाव के साथ निरंतर बेहतर कार्य करने का आह्वान किया।
इन बिंदुओं पर हुआ मूल्यांकन
उल्लेखनीय है कि जिला सुशासन सूचकांक (डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेंस इंडेक्स) शासन की गुणवत्ता के आकलन का एक उपक्रम है। इसकी रिपोर्ट सभी जिलों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाती है और इसमें सभी जिलों के तुलनात्मक मूल्यांकन के लिए 8 मुख्य विषयों, 19 फोकल बिन्दुओं और 76 संकेतकों पर डाटा एकत्र किया जाता है।
उपायुक्त ने बताया कि इसमें बुनियादी ढांचा, पारदर्शिता, जवाबदेही, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून व्यवस्था जैसे कईं पैरामीटर शामिल होते हैं।
सुदृढ़ होगी कार्यप्रणाली
डीसी ने कहा कि भले ही जिला कांगड़ा ने सुशासन सूचकांक में लगातार दूसरी बार पहला स्थान प्राप्त किया है लेकिन हर कार्य मे सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। उन्होंने बताया कि शासन की गुणवत्ता का आकलन करने में यह सूचकांक मददगार साबित होगा।
उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में भी जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जिला सुशासन सूचकांक में प्रथम आने पर प्रशासन को 50 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि ये धनराशि जिले में सभी विभागों की कार्य निष्पादन क्षमता के विकास पर खर्च की जाएगी।
गौरतलब है कि जिला कांगड़ा ने पिछले कुछ समय में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। सुशासन सूचकांक में दो वर्षों से लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के साथ-साथ जिले की झोली में और भी महत्वपूर्ण पुरस्कार आए हैं।
हिमाचल विधानसभा निर्वाचन 2022 में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभिनव पहल के लिए जिला कांगड़ा को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। चुनावी व्यय की निगरानी के डिजिटलीकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई ई-कैच एप्लिकेशन के लिए जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल को भारत के राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
उपायुक्त ने बताया कि इसके अतिरिक्त पिछले कुछ वर्षों में अनेक प्रतिष्ठित आयोजनों की सुव्यवस्थित मेजबानी करने में भी जिला कांगड़ा सफल रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि धर्मशाला में जी20 की बैठकें, देशभर के पर्यटन मंत्रीयों का सम्मेलन, मुख्य सचिवों की बैठक सरीखे कईं महत्वपूर्ण इवेंट जिला कांगड़ा में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए।
उन्होंने बताया कि गुड गवर्नेंस के साथ-साथ जिला कांगड़ा पर्यटन, इवेंट्स आयोजन और नवाचार के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।