बता दें कि गुज्जर और एससी समुदाय की तरफ से हाटी को जनजातीय दर्जा देने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की है। मामले की सुनवाई के दौरान वीरवार को हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किए हैं।
गुज्जर समुदाय के एडवोकेट रजनीश मनिकटाला ने कहा कि हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने से संबंधित दो याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की थीं। इसमें हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के लिए संशोधित एक्ट को चैलेंज किया था।
दोनों में आदेश में हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के लिए किए संविधान संशोधन पर स्टे लगा दिया है। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर भी रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि अब मामले की सुनवाई छुट्टियों के बाद 18 मार्च 2024 को होगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर संविधान में संशोधन किया है। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा संशोधन के बाद भी हिमाचल में मामला अटका रहा। प्रदेश सरकार ने कुछ स्पष्टीकरण केंद्र सरकार से मांगा।
दिसंबर 2023 अंतिम सप्ताह ही हिमाचल सरकार को स्पष्टीकरण प्राप्त हुआ। एक जनवरी को सुक्खू सरकार ने कैबिनेट की बैठक कर हाटी समुदाय को एसटी दर्जा देने को मंजूरी दे दी और अधिसूचना भी जारी कर दी।
इसके बाद हाटी समुदाय के लोगों के प्रमाण पत्र बनने भी शुरू हो गए थे। पर अब हाईकोर्ट द्वारा जारी अंतरिम आदेश के बाद एक बार फिर मामला अटक गया है। हाटी समुदाय के लोगों को प्रमाण पत्र बनाने के लिए अब इंतजार करना होगा।
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