हिमाचल के गौरवशाली इतिहास से परिचित हों छात्र, पाठ्यक्रम में हो शामिल
ewn24news choice of himachal 29 Sep,2023 7:03 pm
हिमाचल शिक्षा बोर्ड की बैठक में बोले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर
धर्मशाला।हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के पाठ्यक्रम में प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को भी सम्मिलित किया जाए। विदेशी आक्रांताओं और शासकों से पूर्व के प्रदेश के इतिहास को बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ियां अपने समृद्ध इतिहास से रूबरू हो सकें।
इसके लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर इन विषयों पर तथ्यपरक शोध कर इसे पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की दिशा में काम करे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में आज शुक्रवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह बात कही। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव शिक्षा आशीष बुटेल और बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल भी उपस्थित रहे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश के साथ-साथ प्रदेश का इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रदेश के कईं हिस्सों विशेषकर जिला कांगड़ा का जिक्र महाभारत तक में आता है। उन्होंने कहा कि वीर राम सिंह पठानिया, जनरल जोरावल सिंह, पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम, प्रजा मंडल, डॉ. यशवंत सिंह परमार सरीखे विभुतियों और ऐतिहासित घटनाक्रमों से हमारे बच्चे परिचित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली इतिहास की जानकारी केवल इतिहास विषय पढ़ने वाले बच्चों तक सीमित न होकर सभी बच्चों तक पहुंचे, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
रोहित ठाकुर ने कहा कि हमारे गर्वीले इतिहास में हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपराएं, कला और साहित्य भी आता है। इन सब विषयों को भी पाठ्यक्रम में शमिल करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों को दिए। कांगड़ा पेंटिंग से लेकर, हस्तशिल्प, लिपि, साहित्य और हमारे जनजातीय क्षेत्रों और वहां निवास करने वाले लोगों की परंपराएं-संस्कुति की जानकारी भी बच्चों तक स्कूली शिक्षा के माध्यम से पहुंचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
बैठक में शिक्षा मंत्री द्वारा बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई। उन्होंने शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से उनके कार्यों का ब्योरा लेते हुए, शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के सुझाव दिए। उन्होंने कर्मचारियों की समस्याओं और सुझावों को सुनते हुए उनपर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का हित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों के सभी विषयों पर गंभीरता से विचार कर, उनका समाधान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि एक साल में कम से कम एक बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि सरकार के स्तर पर होने वाले कार्यों की समीक्षा की जा सके और उन पर कोई फैसला लिया जा सके।
बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष और डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों की सुविधा के लिए आने वाले समय में सारे प्रमाण पत्रों को डिजिलॉकर से जोड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इससे जहां छात्रों को अपने सर्टिफिकेट्स सुरक्षित रखने में सहायता होगी, वहीं भविषय में उच्च शिक्षा या नौकरी के समय में डिजिलॉकर से प्राप्त किए प्रमाण पत्रों के सत्यापन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त भी तकनीक की सहायता से कार्यप्रणाली को सुगम बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।