उत्तरकाशी : 7 दिन बाद सब्जी, रोटी, दाल व चावल खाएंगे सुरंग में फंसे मजदूर
ewn24news choice of himachal 19 Nov,2023 7:30 pm
सुरंग में 125 मिमी व्यास का एक और पाइप डाला
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों तक 8वें दिन दाल, रोटी, सब्जी और चावल पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। पहले ड्राई फ्रूट ही मजदूरों तक पहुंच पा रहा था। सुरंग में फंसे मजदूरों को खाने-पीने की चीजों और दवाइयां पहुंचाने के लिए एक सिस्टम तैयार किया गया था। पाइप के जरिए सामान मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा था।
इस सिस्टम के समानांतर ही दूसरा सिस्टम तैयार किया गया है। 80 मिमी व्यास वाले पानी निकासी के पाइप से खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही थी। अब सुरंग में 125 मिमी व्यास का एक पाइप और भी डाला गया है। ऐसे में अब रोटी, सब्जी, चावल व दाल आदि मजदूरों तक पहुंचाई जा सकती है।
मौके पर सिविल सर्जन भी पहुंचे और सुरंग में फंसे मजदूरों तक सिरदर्द, पेट दर्द आदि की मेडिसीन पहुंचाई। मजदूरों को निकालने का कार्य जारी है। अमेरिका की ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में पहाड़ी जिग जैग की तरह है। जहां पहाड़ी डाउन है वहां पर ड्रिलिंग की जा रही है। ड्रिलिंग कर बड़ी पाइप डाली जाएगी, इसके माध्यम से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। अगले करीब दो दिन में मजदूरों तक पहुंचने की उम्मीद है।
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्य का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार की प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित निकालने की है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग जारी है। जहां पहाड़ी पर मजदूरों तक जल्दी पहुंचा सा सके वहां से ड्रिलिंग की जा रही है।
विशेषज्ञों की टीमें भी इस कार्य में जुटी हैं। अमेरिका में ऑगर मशीन से एक्सपर्ट से भी सलाह ली जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां मजदूर फंसे हैं, वहां पर लाइट भी है। वहां पर खाली जगह है और लोग घूम रहे हैं। मजदूरों के साथ संपर्क हुआ है। पानी, ऑक्सीजन आदि कि व्यवस्था की है।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हादसे के कारणों की विस्तृत जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन ठीक से चल गई तो 2 से अढ़ाई दिन में पहुंच सकेंगे।
क्या है मामला
यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोल गांव के लिए सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। 12 नवंबर को दिवाली वाले दिन सुरंग में भारी भूस्खलन हुआ था। इसके चलते मुहाने के पास सुरंग बंद होने से 41 मजदूर अंदर फंस गए।
पहले जेसीबी से मलबा हटाने की कोशिश की गई। पर सफलता हाथ न लगी। इसके बाद 14 नवंबर को दिल्ली से अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई। इसके बाद ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई।
हिमाचल के मंडी का विशाल भी फंसा
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हिमाचल के मंडी जिला की बल्ह घाटी के सिध्याणी पंचायत के बंगोट गांव का विशाल भी फंसा है। विशाल की मां का रो रो कर बुरा हाल है। हर दिन भारी गुजर रहा है। मां का कहना है कि उसके बच्चे को सुरक्षित घर भेज दो, बाकी उसे कुछ नहीं चाहिए।
विशाल का बड़ा भाई योगेश और पिता धर्म सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं। विशाल दिवाली से पहले घर आया था और छुट्टी काट लौटा था।