डिलीवरी टैंक कहां और पाइप कहां
हरिपुर। कांगड़ा के देहरा विधानसभा क्षेत्र के हरिपुर तहसील के तहत पड़ता भटेहड़ बासा गांव कभी क्षेत्र में सब्जी उत्पादन में अग्रणी था। भटेहड़ बासा में किसानों द्वारा उगाई सब्जी हरिपुर बाजार में बिकती थी और लोग देसी व ताजी सब्जी का लुत्फ उठा पाते थे। साथ ही किसानों की भी अच्छी आमदनी हो जाती थी। पर पिछले करीब 7-8 साल से भटेहड़ बासा की सब्जी बाजार में कम ही देखने को मिल रही है। इसका कारण सिंचाई योजना का बंद होना है।
भटेहड़ बासा सिंचाई योजना पिछले करीब 8 साल से बंद पड़ी है। खेतों तक पानी न पहुंचने से कई किसान सब्जी उगाना छोड़ चुके हैं। जो किसान उगा भी रहे हैं, उनकी सब्जियां पानी की किल्लत से सूख रही हैं। भटेहड़ बासा की इस सिंचाई योजना को लेकर जल शक्ति विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा डिलीवरी टैंक में पानी डालने के लिए लगाई पाइप से लगाया जा सकता है।
पंप हाउस से मोटर द्वारा पानी उठाकर स्टोर करने के लिए डिलीवरी टैंक बनाया है। डिलीवरी टैंक में पानी के लिए पाइप लगाई गई है, लेकिन डिलीवरी टैंक कहां और पाइप कहां लगाई गई है। इसे फोटो में साफ देखा जा सकता है।
अब इसे टैंक निर्माण करने वालों की गलती कहें या फिर पाइप बिछाने वालों की। वहीं, पंप हाउस, डिलीवरी टैंक और बिल्डिंग सब स्लाइडिंग संभावित क्षेत्र में बनाए गए हैं। बरसात में कभी भी मिट्टी में मिल सकते हैं।
बता दें कि भटेहड़ बासा में काफी लोग सब्जी उगाकर अपने परिवार का जीवन यापन करते थे। पहले यहां कूहल से सिंचाई होती थी। बनेर आदि से पानी कूहल द्वारा लोगों के खेतों पर पहुंचाया जाता था। इसके बाद 1975-76 में भटेहड़ बासा के लिए सिंचाई योजना का निर्माण करवाने का निर्णय लिया। लोगों को आस बंधी कि अब खेतों में अच्छी तरह पानी पहुंच सकेगा और सब्जी उत्पादन से बढ़िया आमदनी कमा सकेंगे। फिर सिंचाई योजना बना दी गई।
पुरानी कूहल में प्लास्टिक की पाइपें डालकर लोगों के खेतों तक पानी पहुंचाया। उसके बाद योजना चली और लोगों के खेतों पर पानी पहुंचा। लेकिन, पता नहीं किसी नजर लगी कि पिछले करीब 8 साल से योजना बंद है। पंप हाउस में मोटरें आदि कबाड़ बन चुकी हैं। बिजली की वायरिंग आदि के बुरे ही हाल हैं।
खेतों तक पानी न पहुंचने से कई लोगों की आमदनी का साधन ही छिन गया। लोगों ने सब्जी उगाना ही छोड़ दिया। जो लोग सब्जी उगा रहे हैं, उनके लिए भी यह कार्य किसी चुनौती से कम नहीं है। भटेहड़ बासा के निवासी कैप्टन (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह ने बताया कि सिंचाई योजना पिछले 8-10 साल से बंद पड़ी है। योजना बंद होने से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
जब यह योजना बनाई गई थी, उस वक्त भी जल्दबाजी और बिना सोचे समझे इसका निर्माण किया है। पंप हाउस, डिलीवरी टैंक और बिल्डिंग सब स्लाइडिंग जोन में बना दिए गए हैं। वहीं, लोगों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए कूहल में जो पाइप बिछाई हैं, वे भी सही तरह से नहीं दबाई गई हैं। पाइपें सामने दिखती है। पाइपें भी प्लास्टिक की हैं, अगर कोई आग लगा दे तो ये पाइपें किसी काम की नहीं रहेंगी।
कैप्टन (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह ने कहा कि योजना का निर्माण करते भी गुणवत्ता आदि का ख्याल नहीं रखा गया। जहां पाइपें रखी गई थी, वेल्डिंग करने वालों ने वहीं पर ही वेल्डिंग कर दी। चाहे वह पाइप टैंक के पीछे हो या टैंक के बीच में।
उन्होंने सरकार और जल शक्ति विभाग से मांग की है कि योजना को जल्द दुरुस्त किया जाए और लोगों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाए, ताकि लोग सब्जी उगाकर आमदनी कर सकें।