कुल्लू में बाढ़ की भेंट चढ़े हैं 12 महत्वपूर्ण ब्रिज, डीसी ने झूला पुल लगाने के दिए निर्देश
ewn24news choice of himachal 15 Jul,2023 9:02 pm
कुल्लू। डीसी आशुतोष गर्ग ने शनिवार को कुल्लू जिला में बाढ़ से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पटवारियों को निर्देश दिए गए हैं कि भारी बारिश बाढ़ से हुए नुकसान का शीघ्रता से आंकलन कर रिपोर्ट तैयार करें, ताकि आपदा प्रभावितों की सही संख्या का पता चल सके और उन्हें नुकसान के अनुरूप राहत राशि प्रदान की जा सके।
कुल्लू जिले में धीरे-धीरे जन जीवन सामान्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आपदा क्षेत्रों में भेजें दलों से जानकारी आनी प्राप्त हो गई। इसी के अनुरूप राहत व पुनर्वास की रणनीति तैयार की जा रही है।
डीसी ने कहा कि प्रमुख पर्यटक स्थल कसोल को दूरसंचार सुविधा से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है तथा सायं तक मोबाइल सेवाएं उपलब्ध करवा दी जाएंगी तथा उन्होंने कहा कि सैंज व बंजार क्षेत्र में वी सेट के माध्यम से दूरसंचा सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
उन्होंने बीएसएनल के अधिकारियों को बंजार सैंज के लिए क्षतिग्रस्त फाइवर को ठीक करने भी निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में बताया कि जिले में 648 पेयजल योजनाएं बाढ़ के कारण प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 361 योजनाओं को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रमुख पर्यटक स्थल कसोल को शुक्रवार शाम तक यातायात मार्ग को यातायात के लिए बहाल करने का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि जिले में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है तथा रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल व अन्य वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित बनाई गई है। उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को उचित मूल्य की दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में राशन की आपूर्ति सुनिश्चित बनाने निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिले में जिले के दूरदराज अस्पतालों को दवाइयां भेजी जा रही हैं। उन्होंने कहा की जिले में बारिश के कारण कुल 12 महत्वपूर्ण पुलों के बह जाने व क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को उनके क्षेत्र क्षेत्रों में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त पुलों के स्थान पर झूला पुल लगाने के निर्देश दिए, ताकि उन क्षेत्रों में आवागमन को सुनिश्चित बनाया जा सके।
डीसी ने निर्देश दिए कि सैंज के शाक्टी मरौड़ सहित जो ग्रामीण इलाके यातायात के लिए पूरी तरह से कटे हुए हैं, वहां राशन पहुंचाने का कार्य खच्चरों के माध्यम से तुरंत आरंभ किया जाए।
ज़रूरत पड़ने पर हेलीकाप्टर की मदद से आवश्यक सामग्री पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि आज जिले 1849 ट्रासफार्मर में से 1104 ट्रांसफार्मर सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं।