हिमाचल में क्यों हो रही छप्पर फाड़ बारिश, तथ्यों में हुआ बड़ा खुलासा
ewn24news choice of himachal 10 Oct,2023 11:12 pm
पर्यावरण में बदलाव की वजह से बारिश का पैटर्न बदला
शिमला। हिमाचल में आई आपदा के बारे में आंकड़े और तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं, जिससे यह सामने आ रहा है कि पर्यावरण में बदलाव की वजह से हाल ही के वर्षों में बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है।
कम दिनों में भारी वर्षा हो रही है। साथ ही किसी एक ही स्थान पर एक साथ भारी बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड और प्राकृतिक झीलों का निर्माण हो रहा है। वहीं, नदियों में एक साथ जलस्तर बढ़ रहा है।
यह बात राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय वार्तालाप श्रृंखला के दौरान दी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी ने बताया कि प्रदेश में हुई दुखद आपदा के बाद अब 'आपदा पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन' किया गया है। आपदा पुनर्निर्माण योजना तैयार की जाएगी। इसके बारे में दो दिनों की इस वार्तालाप श्रृंखला में चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि मौसम में आए ऐसे बदलाव की चलते आने वाले समय के लिए विकास व निर्माण को और अधिक सुव्यवस्थित करना होगा, ताकि प्रकृति को बनाएं रखा जा सके और आपदा के समय कम से कम नुकसान हो।
हिमाचल प्रदेश में प्रकृति और विकास को साथ लेकर चलने के लिए और आपदाओं से बचाव के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों से वार्तालाप की एक श्रृंखला शुरू की गई है।
इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों से अनौपचारिक वार्तालाप के जरिए सुझाव एकत्र किए जा रहे हैं, ताकि आने वाले समय में प्रकृति को बनाए रखते हुए आपदाओं से बचाव के तरीके अपनाकर विकास को बढ़ाया जा सके।
इसी कड़ी में आज शिमला के फेयर लॉन में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय वार्तालाप श्रृंखला की शुरुआत की गई।
इस संगोष्ठी श्रृंखला की जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान के अपर निदेशक प्रशांत सरकैक ने बताया कि आपदा और इसके प्रबंधन और आने वाले समय के लिए आपदा से बचाव जैसे विषयों पर दो दिनों में यहां विभिन्न क्षेत्र से आए प्रतिभागियों द्वारा मंथन किया जाएगा और यहां से प्राप्त बिंदुओं का एक विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाएगा, जिसे सरकार को भेजा जाएगा, ताकि आपदा से निपटने के लिए आगामी रणनीति में यह अपना सहयोग दें।
उन्होंने बताया कि वार्तालाप में पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, एडवोकेट्स, सरकार के इंजीनियर और अधिकारी के साथ ही निर्माण संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल है।