विष्णु जी को किसने दिया सुदर्शन चक्र, पढ़िए भोलेनाथ से जुड़ी ये रोचक कथा
ewn24news choice of himachal 29 Jul,2023 8:22 pm
भोलेनाथ और श्री हरि विष्णु से जुड़ी अनेक कथाएं हमारे धार्मिक ग्रंथों में पढ़ने को मिलती हैं। ऐसी ही एक कथा हम आज आपको बताने जा रहे हैं। ये कथा जुड़ी है भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से। जीहां वही सुदर्शन चक्र जिससे चक्रधर यानी श्री हरि विष्णु ने कई पापियों का नाश किया।
कहा जाता है कि ये चक्र अमोघ (जिसका निशाना अचूक हो) है और जिस पर भी इसका प्रहार होता है, ये उसका अंत करके ही लौटता है। इसी सुदर्शन चक्र से विष्णु जी ने भोलेनाथ पर भी वार किया था। इसके पीछे की कहानी बड़ी ही रोचक है। क्या है ये कथा पढ़ें विस्तार से ....
वामन पुराण में कहा गया है कि श्रीदामा नामक एक असुर हुआ करता था। उसने सभी देवताओं को हरा दिया और फिर अहंकार में आकर भगवान विष्णु के श्रीवत्स को छीनने की योजना बनाई। इससे भगवान विष्णु क्रोधित हो गए और श्रीदामा को दंडित करने के लिए भगवान शिव की तपस्या में करने लगे।
भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने भगवान विष्णु को एक चक्र प्रदान किया जिसका नाम सुदर्शन चक्र था। भगवान शिव ने कहा कि यह अमोघ है, इसका प्रहार कभी खाली नहीं जाता। भगवान विष्णु ने कहा कि ,'ये अमोघ है तो इसे परखने के लिए मैं सबसे पहले इसका प्रहार आप पर ही करना चाहता हूं'।
भगवान शिव ने कहा अगर आप यह चाहते हैं तो प्रहार करके देख लीजिए। सुदर्शन चक्र के प्रहार से भगवान शिव के तीन खंड हो गए। इसके बाद भगवान विष्णु को अपने किए पर प्रायश्चित होने लगा और शिव की आराधना करने लगे।
भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र के प्रहार से मेरा प्राकृत विकार ही कटा है। मैं और मेरे स्वभाव को क्षति नहीं पहुंची है। इसके बाद भगवान विष्णु ने श्रीदामा से युद्ध किया और सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया। सुदर्शन चक्र इसके बाद हमेशा के लिए भगवान विष्णु का हिस्सा बन गया।
भगवान विष्णु ने जब श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था तब भी उनके पास यह चक्र था। इसी चक्र से इन्होंने जरासंध को पराजित किया था, शिशुपाल का वध भी इसी चक्र से किया गया था।
श्री कृष्ण अवतार में यह चक्र भगवान श्री कृष्ण को परशुराम जी से प्राप्त हुआ था क्योंकि राम अवतार में परशुराम जी को भगवान राम ने चक्र सौंप दिया था और कृष्ण अवतार में वापस करने के लिए कहा था।
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