Breaking News

  • मुकेश की जयराम को चुनौती : HRTC का एक भी कर्मचारी बता दें जिसे न मिली हो सैलरी या पेंशन
  • मुख्यमंत्री सुक्खू का बड़ा ऐलान : 11 दिसंबर को होगा कुछ ऐसा-डिटेल में जानें
  • हिमाचल : होम गार्ड और सिविल डिफेंस 6 दिसंबर को मनाएगा स्थापना दिवस
  • हिमाचल : आपदा के बावजूद पर्यटन निगम का टर्न ओवर 100 करोड़ पार, होटल निकले कमाऊ
  • शिमला में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक : दो साल के जश्न को लेकर की चर्चा
  • मंडी : शहीद हवलदार नवल किशोर को राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
  • Breaking : हिमाचल लोक सेवा आयोग ने इन 200 पदों पर शुरू की भर्ती, जानें डिटेल
  • हरिपुर स्कूल के मेधावी नवाजे : नाटी, गिद्दा के साथ भांगड़े का तड़का
  • हरिपुर के सूबेदार मेजर संदीप अवस्थी का दीमापुर में निधन, शोक की लहर
  • हरिपुर के संजय व अरुणा सूद को शादी की 28वीं सालगिरह मुबारक

विष्णु जी को किसने दिया सुदर्शन चक्र, पढ़िए भोलेनाथ से जुड़ी ये रोचक कथा

ewn24news choice of himachal 29 Jul,2023 8:22 pm

    भोलेनाथ और श्री हरि विष्णु से जुड़ी अनेक कथाएं हमारे धार्मिक ग्रंथों में पढ़ने को मिलती हैं। ऐसी ही एक कथा हम आज आपको बताने जा रहे हैं। ये कथा जुड़ी है भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से। जीहां वही सुदर्शन चक्र जिससे चक्रधर यानी श्री हरि विष्णु ने कई पापियों का नाश किया।

    कहा जाता है कि ये चक्र अमोघ (जिसका निशाना अचूक हो) है और जिस पर भी इसका प्रहार होता है, ये उसका अंत करके ही लौटता है। इसी सुदर्शन चक्र से विष्णु जी ने भोलेनाथ पर भी वार किया था। इसके पीछे की कहानी बड़ी ही रोचक है। क्या है ये कथा पढ़ें विस्तार से ....

    घर बैठे हो सकेंगे हिमाचल के प्रमुख मंदिरों के दर्शन, होगा कुछ ऐसा

     

    वामन पुराण में कहा गया है कि श्रीदामा नामक एक असुर हुआ करता था। उसने सभी देवताओं को हरा दिया और फिर अहंकार में आकर भगवान विष्णु के श्रीवत्स को छीनने की योजना बनाई। इससे भगवान विष्णु क्रोधित हो गए और श्रीदामा को दंडित करने के लिए भगवान शिव की तपस्या में करने लगे।

    भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने भगवान विष्णु को एक चक्र प्रदान किया जिसका नाम सुदर्शन चक्र था। भगवान शिव ने कहा कि यह अमोघ है, इसका प्रहार कभी खाली नहीं जाता। भगवान विष्णु ने कहा कि ,'ये अमोघ है तो इसे परखने के लिए मैं सबसे पहले इसका प्रहार आप पर ही करना चाहता हूं'।
    श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले 17 अगस्त से, 24 घंटे खुले रहेंगे मंदिर के कपाट

     

    भगवान शिव ने कहा अगर आप यह चाहते हैं तो प्रहार करके देख लीजिए। सुदर्शन चक्र के प्रहार से भगवान शिव के तीन खंड हो गए। इसके बाद भगवान विष्णु को अपने किए पर प्रायश्चित होने लगा और शिव की आराधना करने लगे।

    भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र के प्रहार से मेरा प्राकृत विकार ही कटा है। मैं और मेरे स्वभाव को क्षति नहीं पहुंची है। इसके बाद भगवान विष्णु ने श्रीदामा से युद्ध किया और सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया। सुदर्शन चक्र इसके बाद हमेशा के लिए भगवान विष्णु का हिस्सा बन गया।
    हिमाचल : नंदी महाराज की मूर्ति चम्मच से पी रही पानी, दर्शन को उमड़े लोग

     

    भगवान विष्णु ने जब श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था तब भी उनके पास यह चक्र था। इसी चक्र से इन्होंने जरासंध को पराजित किया था, शिशुपाल का वध भी इसी चक्र से किया गया था।

    श्री कृष्ण अवतार में यह चक्र भगवान श्री कृष्ण को परशुराम जी से प्राप्त हुआ था क्योंकि राम अवतार में परशुराम जी को भगवान राम ने चक्र सौंप दिया था और कृष्ण अवतार में वापस करने के लिए कहा था।

    अगर आपको कथा अच्छी लगी हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें। इसी तरह और भी धार्मिक कथाओं के लिए जुड़े रहिए EWN24NEWS Choice of Himachal के साथ।
    कष्ट निवारण मां बगलामुखी : सच्चे मन से जो आए मनचाहा फल पाए


    हिमाचल और देश दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट के लिए जुड़ें EWN24 NEWS की वेबसाइट https://ewn24.in/ फेसबुक https://www.facebook.com/ewn24 और यूट्यूब https://www.youtube.com/@ewn24news/videos के साथ

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather