धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपनी प्रतिबद्धता (Commitment) को पूरा न कर पाने की वजह से प्रदेश में रेलवे लाइनों के निर्माण की प्रगति प्रभावित हुई है। इन रेलवे परियोजनाओं के तीव्र कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार का सहयोग अति जरूरी है।
केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने संसद में हिमाचल से राज्यसभा सांसद इंदु बाला गोस्वामी को एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि पहली अप्रैल 2024 तक हिमाचल प्रदेश में आंशिक/ पूरी तरह पड़ने वाली 255 किलो मीटर लंबाई की चार नई रेलवे लाइनों का निर्माण कार्य/योजना/ स्वीकृति प्रगति पर है।
इन रेलवे लाइनों के निर्माण कार्य पर 13,168 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें से मार्च 2024 तक 6225 करोड़ रुपये की लागत से 61 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
63.5 किलोमीटर लंबी भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन और 30 किलोमीटर लंबी चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ निर्माण लागत को सांझा करके शुरू किया गया है।
रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने जानकारी दी कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए कुल 124 . 02 हेक्टेयर भूमि की जरूरत के मुकाबले अब तक 79.57 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है।
उपलब्ध भूमि पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना पर अभी तक 5205 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार के पास 1351 करोड़ की धनराशि बकाया है।
30 किलोमीटर लंबी चंडीगढ़-बद्दी नई रेलवे लाइन के लिए भी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। कार्य शु्रू कर दिया गया है। इस परियोजना पर अभी तक 727 करोड़ रुपए खर्च कर लिए गए हैं और 146 करोड़ हिमाचल सरकार के पास बकाया हैं।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण इन रेलवे परियोजनाओं के निर्माण कार्य की प्रगति प्रभावित हुई है। परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
वहीं, रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ-पपरोला, अंब-अन्दौरा, पालमपुर और शिमला रेलवे स्टेशनों को चुना गया है, जिनमें से बैजनाथ-पपरोला, अंब अंदौरा स्टेशनों की रिडेवलपमेंट के लिए टेंडर अवार्ड कर दिए गए हैं, जिसमें इन रेलवे स्टेशनों के भवनों में सुधार, पार्किंग, प्लेटफार्म, वेटिंग हॉल, टॉयलेट, सिग्नागेस आदि सुविधाएं शामिल हैं।
शिमला और पालमपुर रेलवे स्टेशनों को मास्टर प्लानिंग के अंतर्गत लिया गया है।
उन्होंने बताया कि दौलतपुर रेलवे स्टेशन पर सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष के रेलवे बजट में हिमाचल प्रदेश के रेलवे परियोजनाओं के लिए 2698 करोड़ का बजट प्रदान किया गया है, जोकि यूपीए सरकार के 108 करोड़ से लगभग 25 गुना ज्यादा है।