हरिपुर। एक तरफ तो खेतों तक पानी न पहुंचने से किसानों के टमाटर आदि सब्जियां सूख गए हैं, वहीं मौसम की मार से लीची की फसल भी तबाह होने की कगार पर है। मामला हरिपुर के साथ लगती भटेहड़ बासा पंचायत का है। प्रचंड गर्मी के चलते लीची की छिलका फट रहा है। इसके चलते पेड़ पर लगे फल खराब हो रहे हैं।
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भटेहड़ बासा में लीची की पैदावार करने वाले रविंदर गुलेरिया ने बताया कि मौसम ने इस बार खूब कहर बरपाया है। एक तो भीषण गर्मी से लीची की फसल पर असर पड़ा है।
अगर थोड़ी बहुत पैदावार हुई भी तो पेड़ पर फल खराब होने की कगार पर हैं। लिहाजा उन्हें फल को पकने से पहले ही एक-साथ उतारना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि रात को चमगादड़े भी लीची को नुकसान पहुंचा रही हैं।
बगीचों में सबसे बड़ी चुनौती इस वक्त फल को मौसम की मार से बचाने के साथ चिंटियों, रंगड़ों और पक्षियों से बचाने की भी है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष वह कई क्विंटल लीची अपने बगीचे में उगाते हैं, जिससे उनकी अच्छी खासी आमदनी होती है, लेकिन इस बार उनको कोई फायदा नहीं हुआ है। लीची पकने से पहले खराब हो रही है। हालांकि उन्होंने अपने लीची के पेड़ों को पक्षियों से बचाने के लिए जाला भी डाला है, लेकिन फिर भी नुकसान हो ही जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब उनका खेतीबाड़ी से मोहभंग होता जा रहा है। इतनी मेहनत के बावजूद उनके पल्ले कुछ नहीं पड़ रहा।
वहीं, भटेहड़ बासा क्षेत्र में प्रचंड गर्मी के चलते टमाटर के पौधे सूख गए हैं। साथ ही अन्य सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगर बारिश हो जाती तो कुछ नुकसान से बचा जा सकता था।