कांग्रेस सरकार लगातार ले रही जन विरोधी निर्णय : बिक्रम ठाकुर
ewn24news choice of himachal 09 Jan,2023 2:35 pm
महंगाई खत्म करने का झांसा दे सत्ता में आकर कर रहे फिजूलखर्ची
शिमला। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर का कांग्रेस सरकार के फैसलों का विरोध करते हुए कहा कि सरकार एक के बाद एक जनविरोधी निर्णय जनता पर थोप रही है।
उन्होंने कहा कि जनता के लिए खोले गए संस्थानों को बंद करना, कर्ज लेने की लिमिट बढ़ाना, डीजल का दाम बढ़ाना, बिना मंत्रालय के तीन को कैबिनेट रैंक देना और कैबिनेट मंत्रियों के अलावा 6 मुख्य संसदीय सचिव बनाना.. क्या यही है कांग्रेस का वो व्यवस्था परिवर्तन जिसका राग हिमाचल की जनता पिछले एक महीने से सुन रही थी?
जनता के लिए खोले गए संस्थानों को फिजूलखर्ची बताकर बंद करने वाली कांग्रेस सरकार को हिमाचल के संसाधनों की कितनी चिंता है, वो इस बात से पता चल जाता है कि पहले तो उसने मंत्रिमंडल विस्तार से पहले अपने तीन-तीन चहेतों को कैबिनेट रैंक दे दिया। फिर मंत्रीपद न मिलने से कोई रूठ न जाए इसके लिए 6 सीपीएस बना दिए।
पूर्व मंत्री ने सवाल उठाया कि सीपीएस के पास जब कोई शक्तियां ही नहीं हैं, वे किसी तरह का निर्णय ही नहीं ले सकते तो 6-6 सीपीएस बनाकर सरकारी खजाने पर क्यों बोझ डाला जा रहा है? यही नहीं, मंत्रिमंडल विस्तार से ठीक पहले कांग्रेस की सरकार ने डीजल पर वैट बढ़ाकर इसे तीन रुपया लीटर महंगा कर दिया जबकि डीजल महंगा होने से हर चीज के दाम बढ़ते हैं।
यह दिखाता है कि सरकार को धक्के से चलाने के लिए हो रही फिजूलखर्ची के लिए पैसा जुटाने के लिए कांग्रेस आगे भी जनता को टैक्स और कर्ज के बोझ पर दबाती चली जाएगी। कहां तो अपने संसाधनों से गारंटियां पूरी करनी थी मगर अब कर्ज पर कर्ज लिया जा रहा है। 3,000 करोड़ रुपये कर्ज लेने की तैयारी की जा रही है।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में पहला विधेयक जनता के हित के लिए पेश नहीं किया बल्कि कर्ज लेने की लिमिट बढ़ाने का बिल पेश किया। इस बिल की तारीफ वही कांग्रेस नेता कर रहे थे जो हमारी सरकार के दौरान कोरोना संकट से निपटने के लिए लिए गए कर्ज पर भी सवाल उठाते थे। इन सब बातों से साबित होता है कि कांग्रेस के दांत खाने के और, दिखाने के और।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हम विपक्ष में जरूर हैं मगर सत्ता में बैठे नेता यह न समझें कि वह जन कल्याण और विकास कार्यों के नाम पर प्रदेश के संसाधनों को फिजूलखर्ची में उड़ा सकते हैं। इस तरह के हर प्रयास का विरोध होगा। सदन के अंदर भी और सदन के बाहर भी। हम आपको व्यवस्था परिवर्तन की आड़ में लूटपाट नहीं मचाने देंगे।