रेखा चंदेल/झंडूता। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला की प्राथमिक आदर्श केंद्रीय पाठशाला झंडूता जिला बिलासपुर में वर्तमान में खंड झंडूता की पाठशालाओं से सबसे अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
केंद्रीय मुख्य शिक्षक के अनुसार इस समय पाठशाला में सौ से अधिक विद्यार्थी नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक नामांकित हैं, लेकिन दुःख का विषय है कि इन विद्यार्थियों के बैठने के लिए पाठशाला में कमरे ही उपलब्ध नहीं हैं।
इस स्कूल के मुख्य भवन की पांच साल पहले तूफान के कारण छत उड़ गई थी। फिर विभाग के ध्यानार्थ लाया गया और विभागीय कार्रवाई के अनुसार इसे असुरक्षित घोषित किया गया, लेकिन इसका मूल्यांकित मूल्य अधिक होने के कारण कोई भी ठेकेदार इस भवन को गिराने और इसकी सामग्री की बोली को उठाने के लिए तैयार नहीं हो रहा है।
सरकार व विभाग को निरंतर पत्राचार पिछले तीन साल से इस सम्बन्ध में किया जा रहा है, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। मुख्य भवन की छत के उड़ने के बाद विद्यार्थियों को पाठशाला में उपलब्ध एक अन्य भवन के दो कमरों में बैठाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब ये कमरे भी जर्जर हो चुके हैं और छात्रों को बिठाने लायक नहीं रहे हैं।
केंद्रीय मुख्य शिक्षक के अनुसार वर्तमान में विद्यार्थियों को उनके कार्यालय या फिर साथ ही बने खंड प्राथमिक स्त्रोत समन्वयक कार्यालय भवन में अस्थायी रूप कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं।
इन्होंने सरकार व विभाग से गुजारिश की है कि शीघ्र अति शीघ्र इस पुराने भवन के मूल्यांकित मूल्य को पुनः निर्धारित करके इसे नष्ट करवा कर नए भवन का निर्माण करवाया जाए, ताकि विद्यार्थियों व कार्यरत अध्यापकों को और अधिक परेशानियां न झेलनी पड़े।