ऋषि महाजन/नूरपुर। जल शक्ति विभाग नूरपुर कार्यालय के घेराव का मामला अब बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद बन चुका है।
पूर्व वन मंत्री राकेश पठानिया पर विभागीय अधिकारियों से अभद्र व्यवहार और अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगने के बाद भारतीय मजदूर संघ खुलकर मैदान में उतर आया है।
संघ ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी है यदि दोषी नेता ने सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगी तो या फिर प्रशासन ने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो कर्मचारी कामकाज ठप कर सड़कों पर उतरेंगे।
उपमंडल फतेहपुर स्थित विश्राम गृह में हुई बैठक में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा ने कहा कि जब आपदा के दौरान कर्मचारियों और मजदूरों ने दिन-रात मेहनत कर जल व बिजली आपूर्ति बहाल की, उसी समय नेताओं का इस तरह से अपमानजनक व्यवहार करना बेहद शर्मनाक है। यह कर्मचारियों के मनोबल पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा राणा ने दो टूक कहा।
मजदूर संघ का आरोप है कि पठानिया ने जल शक्ति विभाग कार्यालय का घेराव और अभद्र व्यवहार सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए किया। संघ ने कहा कि आपदा काल में कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना जनता तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाई, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों का अपमान किया गया।
संघ ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि या तो दोषी नेता माफी मांगें या FIR दर्ज हो, अन्यथा संगठन प्रदेशभर में आंदोलन छेड़ेगा। इसमें रैलियां, प्रदर्शन और काम छोड़कर हड़ताल तक शामिल होगी।
मजदूर संघ का कहना है कि यह सिर्फ जल शक्ति विभाग का मामला नहीं, बल्कि कर्मचारियों की इज्जत और आत्मसम्मान का सवाल है। यदि सरकार और प्रशासन ने कर्मचारियों की गरिमा की रक्षा नहीं की तो पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी संघ ने साफ चेतावनी दी।