शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन से कई इलाकों में सड़कें, बिजली व पेयजल आपूर्ति ठप है। प्रदेश भर में शुक्रवार सुबह तक 317 सड़कें बाधित रहीं। इसके अतिरिक्त 360 बिजली ट्रांसफार्मर व 259 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं।
सबसे ज्यादा 174 सड़कें आपदा प्रभावित मंडी जिला में बंद हैं। चंबा जिला में 142 बिजली ट्रांसफार्मर व कांगड़ा में 134 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। उधर, किरतपुर-मनाली फोरलेन पर समलेटू के पास भूस्खलन होने से बाधित हो गया। वहीं जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के जिस्पा के मरशेन नाला के समीप बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। इससे मनाली-लेह सामरिक मार्ग बंद हो गया है।
मंडी में पंडोह बांध के पास भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। माना जा रहा है कि बीती रात से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने कहा कि अधिकारी मौके पर हैं और मलबा हटाने और यातायात बहाल किया जा रहा है।
चंबा जिला में भी बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत 45 मार्गों पर आवाजाही बाधित है। मूसलाधार बारिश के चलते जिले के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिले में 25 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। डीसी चंबा मुकेश रेप्सवाल ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए शिक्षण संस्थान बंद रखने का फैसला लिया गया है।
वहीं चंबा-तीसा मुख्य मार्ग कॉलोनी मोड़ के समीप भूस्खलन से बंद हो गया। नकरोड़-चांजू मार्ग भी कठवाड़ के समीप अवरूद्ध हो गया। चुराह में 20 ट्रांसफार्मर बंद होने से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। डलहौजी की कथलग-भरेरा सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया है। सीवरेज प्लांट को भी खतरा हो गया है।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी से कुल्लू की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित कैंची मोड़ फोरलेन से आगे मगर नाले के पास एक बार फिर सड़क धंसने लगी है। यह वही स्थान है जहां वर्ष 2023 में भी भारी भूस्खलन और सड़क धंसने की घटनाएं हुई थीं। उस समय सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था, जिसकी मरम्मत कर रास्ता बहाल किया गया था।
अब एक बार फिर वही इलाका खतरे की जद में है। हालंकि इससे 500 मीटर पहले कैंची मोड़ फोरलेन पर भी कुछ दिन पहले सड़क का एक डबल लेन हिस्सा टूट कर गिर चुका है और अब इस जगह भी सड़क धसने का खतरा बरकरार है।
फिलहाल पंडोह पुलिस मौके पर तैनात है और यातायात को सुरक्षित रूप से निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन स्थानीय लोगों का साफ कहना है कि बार-बार मरम्मत करके कोई समाधान नहीं निकल रहा। उनका प्रशासन से आग्रह है कि इस क्षेत्र में भूवैज्ञानिकों की मदद से स्थायी और ठोस समाधान निकाला जाए।